झारखंड: विधवा पुनर्विवाह के लिए मिलेंगे 2 लाख रुपए, सीएम चंपई सोरेन करेंगे शुरुआत

झारखंड सरकार विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना से राज्य की महिलाओं को पुनर्विवाह के लिए 2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देगी. इस योजना की शुरुआत आज सीएम चंपई सोरेन करेंगे.

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झारखंड में विधवा महिलाओं को मिलेंगे २ लाख रुपए

झारखंड की विधवा महिलाओं को मिलेंगे २ लाख रुपए

बुधवार से झारखंड सरकार विधवा महिलाओं के लिए पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना की शुरुआत करने जा रहा है. झारखंड सरकार विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना से राज्य की महिलाओं को पुनर्विवाह के लिए 2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देगा. जिसके लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा. 

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योजना की जानकारी देते हुए सीएम चंपई सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट किया- देश में पहली बार, हमारी सरकार उन विधवा महिलाओं को पुनर्विवाह के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिनकी जिन्दगी शायद कहीं थम सी गई है. जीवन के एक नई पारी की शुरुआत कर रही इन बेटियों को आशीर्वाद दीजिए. हमें गर्व है कि देश में एकल महिलाओं एवं बिना तलाक की निराश्रित परित्यक्ता महिलाओं को आर्थिक संबल देने के लिए पेंशन देने की शुरुआत भी हमारी सरकार ने ही की थी.

सरकारी नौकरी वाले को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

सीएम ने आगे आज से शुरू हो रहे सर्वधन पेंशन योजना का भी जिक्र करते हुए लिखा कि- आज ही, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की, सभी वर्गों की महिलाओं को पेंशन देने की शुरुआत की जा रही है. आप सभी के सहयोग एवं इन "देवियों" के आशीर्वाद से, महिला सशक्तिकरण का यह अभियान जारी रहेगा. 

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झारखंड सरकार का दावा है कि देश में पहली बार ऐसी कोई योजना की शुरुआत की जा रही है. इस योजना की शुरुआत आज सीएम चंपई सोरेन झारखंड के होटवार स्थित टाना भगत स्टेडियम से करेंगे. टाना भगत स्टेडियम में सीएम सात विधवा महिलाओं को योजना का लाभ देंगे. 

वही इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिल पाएगा जिनकी आयु विवाह योग्य होगी. आयकर दाता, पेंशनधारी और सरकारी नौकरी वाले इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे. पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने वाली महिला को अपने पति के मृत्यु प्रमाण पत्र को जमा करना होगा और पुनर्विवाह के तारीख के 1 साल के अंदर योजना के लिए आवेदन करना होगा. 

झारखंड सरकार का यह कदम काफ़ी सराहनीय माना जा रहा है. जो महिलाएं अपने जीवनसाथी के गुजर जाने के बाद समाज में अकेले रह जाती हैं, उन्हें समाज लाचार नजरों से देखता है. कई बार विधवा महिलाओं को कई तरह के ताने भी सुनने पड़ते हैं. झारखंड में खासकर डायन प्रथा को होते हुए देखा गया है, जिसमें विधवा महिलाओं को अधिक रूप से शिकार बनाया जाता है. सरकार के इस कदम से झारखंड की महिलाओं को सशक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए ताकत मिलेगी.

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