झारखंड: उत्पाद सिपाही के मृत अभ्यर्थियों के आश्रितों को मिलेंगे 1-1 लाख रुपए

Jharkhand: झारखंड कैबिनेट के सभी मंत्री मृत उत्पाद सिपाही उम्मीदवार के परिजनों को एक-एक लाख रुपए देंगे, ताकि सभी मृतक उम्मीदवारों के परिवार को आर्थिक मदद मिल सके.

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उत्पाद सिपाही के आश्रितों को लाख रुपए

उत्पाद सिपाही के आश्रितों को लाख रुपए

झारखंड में उत्पाद सिपाही नियुक्ति परीक्षा में 11 उम्मीदवारों की मौत हो गई है. मृतक उम्मीदवारों के परिजनों को राज्य के सभी मंत्रियों की ओर से आर्थिक मदद देने का ऐलान किया गया है. राज्य के सभी मंत्री अपने-अपने स्तर से आर्थिक मदद देंगे, जिसकी घोषणा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने की.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी मंत्री एक-एक उम्मीदवार के परिजनों को एक-एक लाख रुपए देंगे, ताकि सभी मृतक  उम्मीदवारों को आर्थिक मदद मिल सके. इधर राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री राहत कोष से उम्मीदवारों के परिजनों को राहत देने पर विचार कर रही है.

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट मंत्रियों से वेतन के हिस्से से 1 लाख देने का निर्णय लिया है.

भाजपा जो वर्तमान में सरकार में शामिल नहीं है, उन्होंने भी सभी मृत अभ्यर्थियों के आश्रितों को 1 लाख सहायता देने की घोषणा पहले की है. भाजपा ने सीएम हेमंत सोरेन से यह आग्रह किया गया कि मृत उम्मीदवारों के आश्रितों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए और साथ ही सरकारी नौकरी भी दी जाए.

मालूम हो कि झारखंड में 583 पदों के लिए उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए राज्य के अलग-अलग जिलों में सात केंद्र बनाए गए थे, जहां पिछले दिनों दौड़ के दौरान कई अभ्यर्थी बेहोश हुए थे. इनमें से 11 अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी. इधर खबर मिल रही है कि यह आंकड़ा बढ़ रहा है. दरअसल जो उम्मीदवार बीमार पड़े थे उनकी इलाज के दौरान मौत हो रही है. जानकारी के मुताबिक टांगर की अभ्यर्थी ने शुक्रवार को मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. 31 अगस्त को साहिबगंज केंद्र में आरती केरकट्ट ने दौड़ पूरी कर ली. लेकिन बाद में तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें साहिबगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में हालत बिगड़ने पर परिजनों ने मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया. जहां शुक्रवार दोपहर आरती की मौत हो गई.

घटना के बाद पिछले दिनों सीएम ने दौड़ पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद एडीजी मल्लिक ने जानकारी दी कि 10 सितंबर से नियुक्ति दौड़ प्रक्रिया फिर से शुरू होगी. मगर इस बार यह पलामू में आयोजित नहीं होगी. दरअसल पलामू में सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवारों की दौड़ के दौरान जान चली गई थी.

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