झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) ने चुनाव के ठीक पहले अपने ही पार्टी के एक विधायक पर बड़ी कार्रवाई की है. विधायक चमरा लिंडा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है. पार्टी के महासचिव विनोद कुमार पांडे की तरफ से इसकी जानकारी देते हुए पत्र भी जारी किया गया है.
पत्र में लिखा गया है कि लोहरदग्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन कर आपने गठबंधन धर्म के विपरीत काम किया. ऐसी स्थिति में पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन के निर्देश पर आपको पार्टी के सभी पदों से पद मुक्त करते हुए पार्टी के सदस्यता से निलंबित किया जाता है.
पार्टी के खिलाफ मैदान में
झामुमो के विधायक चमरा लिंडा ने पार्टी से बागी होकर लोहरदगा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. लोहरदगा सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के सुखदेव भगत चुनावी मैदान में है, जिनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव से है. झारखंड में झामुमो इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, लेकिन पार्टी के ही विशनपुर विधायक ने बागी होते हुए चुनाव लड़ने की ठानी है.
लोहरदग्गा में त्रिकोणीय मुकाबला
चमरा लिंडा के नामांकन दाखिले के बाद झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने भरोसा जताया था कि वह नामांकन वापस ले लेंगे. लेकिन चमरा अपने नामांकन पर कायम रहे. नतीजतन पार्टी ने उनकी सदस्यता को खत्म कर दिया.
लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र माना जाता है, जहां बड़ी संख्या में आदिवासियों का निवास है. चमरा लिंडा इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं, जिसकी वजह से उन्होंने इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है. चमरा के पार्टी से अलग होने के बाद अब लोहरदगा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने मिलेगा. लोहरदग्गा में निर्दलीय बनाम कांग्रेस बनाम भाजपा का मुकाबला होगा.
तीन बार मिली है हार
झारखंड के गठन के बाद 2004, 2009 और 2014 में चमरा तीन बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें तीनों बार हार का सामना करना पड़ा. पिछले आम चुनाव में चमरा उम्मीदवार नहीं थे, लेकिन इस चुनाव में तीसरी बार चमरा ने लोहरदगा सीट से अपनी किस्मत आजमाने की ठानी है.