पंजाब-हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन 9वें दिन दिल्ली कूच की तैयारी में है. दिल्ली के लिए 14 हजार से ज्यादा किसान शम्भू बॉर्डर से निकल चुके हैं.
किसान पुलिस की बैराकेडिंग को हटाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों को अपने साथ लाए है. किसान अपने साथ 1200 ट्रैक्टर और ट्रॉली के साथ राजधानी की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों के हरियाणा में घुसने की भी कोशिश लगातार जारी है. खनौरी बॉर्डर से किसान 800 ट्रैक्टर के साथ बॉर्डर पार करने की कोशिश में है.
शंभू बॉर्डर पर ड्रोन से दागे आंसू गैस के गोले
सुबह किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली कूच की तैयारी से पहले शंभू बॉर्डर पर अरदास की. इधर सुरक्षा बल भी शंभू-खनोरी बॉर्डर पर अलर्ट मोड पर है. भारी संख्या में दोनों ही बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर ड्रोन के जरिए किसानों को तीतर-बीतर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने शुरू किए हैं, इससे बचने के लिए किसानों ने भी स्पेशल मास्क और इयर बड्स का सहारा लिया है.
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच में बातचीत विफल होने के बाद आज किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला लिया था. सोमवार को ही अपना फैसला सुनाते हुए किसानों ने यह ऐलान कर दिया था कि वह दिल्ली जाएंगे. न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसान बुधवार को दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार है.
किसानों से शांति की अपील - अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील की है और किसानों को बातचीत के लिए फिर से न्योता भेजा है. अगर किसान इस बातचीत के लिए तैयार हो जाते हैं तो सरकार और किसानों के बीच में यह पांचवी बैठक होगी. अभी तक के सभी बैठकों में कोई फैसला निकल कर सामने नहीं आया है.
2 दिन पहले तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने चंडीगढ़ में किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता की थी. किसानों के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था कि सरकार दाल, मक्का और कपास समेत पांच फसलों पर 5 सालों के लिए एमएसपी खरीदने पर समझौता करेगी.
13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च के बाद ही हरियाणा और पंजाब बॉर्डर के पास हजारों किसानों को पुलिस और सुरक्षा बलों ने रोक दिया था. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सीमा पर कई तैयारी की है. कटीले तार, बैराकेडिंग, सड़क पर पक्की दीवार, ड्रोन से आंसू गैस दागने की तैयारी की गई है. इसके अलावा हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट और एसएमएस पर पाबंदी भी लगाई गई है.
नदी में रास्ता बनाने के लिए ट्रॉली में मिट्टी की बोरियां
किसानों ने बैराकेडिंग को तोड़ने के लिए जेसीबी और पोकलेन मशीनें मंगवाई है. आंसू गैस से बचने के लिए गीली बोरियां और चश्मा लेकर आए हैं. घग्गर नदी में रास्ता बनाने के लिए ट्रॉली में मिट्टी के बोरे लाए गए हैं. साउंड कैनन से बचने के लिए ईयर प्लग की व्यवस्था भी रखी गई है. आंसू गैस के गोली वाले ड्रोन को गिराने के लिए पतंग उड़ाए जा रहे हैं.
इधर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब सरकार को मौखिक रूप से कहा कि वह कृषिको को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की अनुमति न दे. अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार ट्रैक्टर-ट्राली राजमार्गों पर नहीं चलाई जा सकती है. किसान बस या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके दिल्ली जा सकते हैं.