जदयू सांसद ललन सिंह के बयान के बाद बिहार की राजनीति में खलबली मची हुई है. रविवार को मुजफ्फरपुर की एक सभा से ललन सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज जदयू को वोट नहीं देता. उनके इस बयान के बाद बिहार विधानसभा सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखी गई. एक ओर जहां विपक्षी गठबंधन ललन सिंह पर हमलावर है तो वहीं एनडीए के नेता अपने मंत्री के बयान पर लगातार सफाई देते नहीं थक रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने अपने इस बयान पर खुद ही सफाई दे दी है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के वोट से हमें फर्क नहीं पड़ता है.
ललन सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर में मैंने कहा कि नीतीश कुमार वोट के लिए काम नहीं करते, वह बिहार की बेहतरी के काम करते हैं. उन्होंने पिछले 19 साल में समाज के हर वर्ग के सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए काम किया है और उसी का नतीजा है कि आज बिहार बदल रहा है. उन्होंने आगे कहा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वोट देते हैं या नहीं.
अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने और मदरसों की स्थिति को सुधारने के लिए नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है. बिहार में उन्होंने जो काम किया है वह पूरे देश के किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. यह पूरी दुनिया में एक मिसाल है.
केंद्रीय मंत्री के बयानों पर नेता प्रतिपक्ष क्षेत्र तेजस्वी यादव ने भी हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ललन सिंह की बात छोड़िए. हम लोगों के साथ थे तो प्रधानमंत्री और अमित शाह को क्या-क्या बोलते थे. इधर है तो इधर की बात करेंगे, उधर है तो उधर की बात करेंगे. उनकी अपनी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है. भाजपा पर निशाना साधते हुए राजद नेता ने कहा कि भाजपा का काम देख लीजिए. उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है. आज खुलेआम पुलिस को क्रिमिनल बना दिया गया है, पुलिस का दुरुपयोग चल रहा है. यह लोग चाहते हैं कि पूरे देश में दंगा हो. लेकिन बिहार में यह कोशिश की तो हम लोग चुपचाप नहीं बैठेंगे.