राज्य में इन दिनों चुनाव की चर्चा गर्म है कि सीएम नीतीश कुमार राजद से खफा चल रहे हैं. राजद के साथ-साथ ही सीएम की नाराजगी इंडिया गठबंधन और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी बताई जा रही है. नाराजगी से यह अंदेशा लगाया जा रहा है की सीएम नीतीश कुमार चुनाव के पहले भी पलट सकते है.
हम संरक्षक ने बयान देते हुए कहा था कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को पलटू राम का दर्जा दिया था. इस पर कायम रहते हुए सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से पलट कर एनडीए का हाथ थाम ले.
लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ सीट शेयरिंग की
इन सबका कयासों और बयानों के बीच में शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव जदयू के मुखिया नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके सरकारी आवास पहुंचे. नीतीश कुमार के सरकारी आवास में लालू, तेजस्वी और सीएम की करीब आधे घंटे की मुलाकात चली.
बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत की है.
मुलाकात के बाद डिप्टी सीएम अपने पिता के साथ नीतीश कुमार के सरकारी आवास से मुस्कुराते हुए निकले. उन्होंने कहा कि सरकार में ऑल इज वेल है, गठबंधन में किसी तरह की कोई टूट नहीं होने वाली है.
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि हम लोग सरकार में है तो काम को लेकर मुलाकात तो होती रहेगी. हमारी सरकार मिलकर जनता के लिए काफी कम कर रही है. जब से महागठबंधन मिलकर काम कर रही है तब से भाजपा के लोगों के बीच में बेचैनी आ गई है. लोकसभा चुनाव में भाजपा का हारना तय है. वहीं नीतीश कुमार के उलट फेर को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं है. राज्य में सरकार मिलकर मजबूती से चल रही है और यह सब भाजपा की तरफ से फैलाई हुई बस एक अफवाह है.
अब देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार और लालू यादव की यह मुलाकात सच में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत थी या फिर आने वाले दिनों में सीएम तेजस्वी यादव से विदा ले सकते हैं.
बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग को लेकर चार पार्टियों के बीच में खींचातानी चल रही है. राज्य में राजद, जदयू, कांग्रेस और वाम दल चुनाव जीत के बाद सीट के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रहे हैं. जदयू 16 सीटों की बात कही है, कांग्रेस 10 सीटों की डिमांड कर रही है और वाम दल 9 सीटों की मांग रख रही है. असल नाराजगी की जड़ यही है अगर पार्टियां इसमें सहमत हो जाए तो सीएम नीतीश इंडिया गठबंधन में ही रहेंगे. मालूम हो कि राज्य में सभी पार्टियों को इंडिया गठबंधन के साथ जोड़ने में सीएम नीतीश कुमार का ही सबसे बड़ा हाथ रहा था.