CIABC ने बिहार सरकार से राज्य में लगे शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग की है. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहल बेवरेज कंपनी ने नीतीश कुमार के सामने एक बार फिर से इस मांग को रखा है.
CIABC ने मणिपुर की तर्ज पर ही बिहार में भी शराब पर प्रतिबंध हटाने को कहा है. इस मांग पर विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित होकर राज्य में शराबबंदी कानून लगाया गया है. शराबबंदी कानून को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. शराबबंदी से गरीब परिवारों के बीच में खुशियां लौट गई है. महिलाओं ने बिहार में शराबबंदी लागू करने की मांग थी और महिलाएं चाहती हैं कि राज्य में अब भी शराबबंदी लागू रहे. शराब की वजह से कई घर तबाह हुए हैं.
शराबबंदी कानून को हटाने की मांग
CIABC ने पहले 2021 में भी राज्य सरकार से शराबबंदी कानून को हटाने की मांग की थी और कहा कि राज्य में शराबबंदी बिल्कुल फेल है और जहरीले शराब पीने की वजह से काफी लोगों की मौत हो रही है. इसलिए शराबबंदी कानून को वापस ले लिया जाना चाहिए.
CIABC के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा है कि मणिपुर सरकार ने तीन दशकों से लगे शराबबंदी कानून को खत्म कर एक सकारात्मक कदम उठाया है. इस कदम से करोड़ों रुपए का राजस्व मणिपुर में हो रहा है.अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लगी है. मणिपुर की तरह ही बिहार में भी शराबबंदी को हटा देना चाहिए, इससे राज्य में विकास जल्दी होगा.
मणिपुर में शराबबंदी को लेकर एक बड़ा आंदोलन हुआ था. जिसके बाद 1991 में वहां पर शराबबंदी कानून को लागू किया गया था. बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है.