झारखंड के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई विधायक बागी तेवर अपना रहे हैं. सोमवार को भाजपा के तीन पूर्व विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया और हेमंत सोरेन से हाथ मिला लिया. भाजपा की पूर्व विधायक लुईस मरांडी, भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू ने सोमवार को झामुमो की सदस्यता ली. इससे दो दिन पहले भाजपा के तीन बार के विधायक केदार हाजरा और आजसू पार्टी के उमाकांत रजक ने भी झामुमो की सदस्यता ली थी.
पूर्व मंत्री और भाजपा की पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने 2014 में दुमका सीट पर सीएम हेमंत सोरेन को हराया था. 2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन को यहां 5,262 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2019 के चुनाव में सीएम को यहां 13,188 वोटों के अंतर से जीत मिली थी. मगर उन्होंने दुमका सीट छोड़ दी और बरहेट सीट अपने पास रखी.
लुईस मरांडी के झामुमो ज्वाइन करने के बाद उनकी नाराजगी की खबरें सामने आ रही है. दरअसल दुमका सीट से भाजपा के अंदर सुनील सोरेन को उम्मीदवार बनाने की चर्चा हो रही है. इसके बाद ही लुईस मरांडी ने हेमंत सोरेन की पार्टी ज्वाइन कर ली. सोमवार को उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देते हुए अपने पत्र में लिखा कि दूसरे दलों से आए हुए नेता भाजपा में हावी हो गए हैं. निष्ठावान कार्यकर्ता लगातार दल में उपेक्षित हो रहे हैं. इधर चर्चा है कि लुईस मरांडी को झामुमो जामा या दुमक विधानसभा सीट से टिकट देने की चर्चा चल रही है.