बिहार में पप्पू यादव अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में जुटे हुए हैं. पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट के लिए अब मरने तक को कुबूल कर लिया है. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया सीट के लिए मर-मिट जाना मंजूर है, लेकिन सीट छोड़ना मंजूर नहीं है.
पूर्णिया सीट के लिए पप्पू यादव बनाम लालू यादव की राजनीति चल रही है. पप्पू यादव जहां पूर्णिया सीट पर अपनी दावेदारी ठोक चुके, तो वही लालू यादव ने भी अपने पार्टी से बीमा भारती को टिकट दे दिया. जिसके बाद बिहार की राजनीतिक सरजमी और गरमा गई.
पूर्णिया सीट को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि आत्महत्या करना स्वीकार है, लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं है.
बीते दिनों ही लोकसभा चुनाव को देखते हुए पप्पू यादव ने अपनी पार्टी (जन अधिकार पार्टी) का कांग्रेस में विलय करा दिया था. कांग्रेस की तरफ से पप्पू यादव को पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी मिलना तय था. मगर महागठबंधन की तरफ से राजद ने अपने कैंडिडेट को टिकट दे दिया, इसके बाद पप्पू यादव आहत नजर आ रहे हैं.
गुरुवार को पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया के लोगों के बीच में मैंने जीना सीखा है. लोगों के साथ संघर्ष किया है. यह सीट कांग्रेस की रही है, पूर्णिया के लोगों ने कांग्रेस को ही वोट दिया है. सीमांचल के इलाके में भी कांग्रेस का दबदबा रहा है.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद यादव ने कहा कि लालू यादव ने हमें ऑफर दिया था. वह चाहते थे कि मैं मधेपुरा से चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने अपनी कर्मभूमि, अपनी मां पूर्णिमा को चुना. पूर्णिया मेरी मां है. पूर्णिया ने मुझे लड़ना, जीना और मरना सिखाया है.
पप्पू यादव लगातार लालू यादव से यह मांग कर रहे हैं कि पूर्णिया सीट उनके लिए छोड़ दी जाए. पप्पू यादव ने आग्रह करते हुए कहा कि लालू यादव फिर से विचार करें और इंडिया गठबंधन को कमजोर ना बनाएं. क्योंकि हमारा मुकाबला भाजपा से है.
पप्पू यादव ने आगे कहा कि लालू यादव अगर हमें अपना बच्चा समझते हैं तो अपना फैसला जरूर बदल लेंगे. मेरे पीछे भी यादव लगा है, मैं लालू जी से पूछना चाहता हूं क्या मेरा वह खून नहीं जो उनका है? क्या वह मुझे अपना खून नहीं मानते? मैं आपका खून हूं मुझे दुत्त्कारीए नहीं, मुझे आशीर्वाद दीजिए.