बिहार का अररिया लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भाजपा बनाम राजद का मुकाबला होने वाला है. नेपाल बॉर्डर से जुड़ा हुआ अररिया जिला दक्षिण में पूर्णिया, पश्चिम में सुपौल और पूर्व में किशनगंज जिले से लगता है. 1967 से 2009 तक के चुनाव में अररिया सीट आरक्षित सीट थी. बाद में 2009 के लोकसभा चुनाव में यह सीट सामान्य हो गई.
बिहार में एनडीए के सीट शेयरिंग में यह सीट भाजपा के खाते में गई है. भाजपा ने बिहार के 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेने का फ़ैसला किया है, जिसमें से अररिया लोकसभा सीट भी एक है. भाजपा इस सीट से राजद पार्टी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है.
2019 के आम चुनाव में अररिया से भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप सिंह ने राजद उम्मीदवार सरफराज आलम को हराया था. पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को अररिया सीट पर 6,18,434 वोट मिले थे, जबकि राजद उम्मीदवार सरफराज आलम को 4,81,193 वोट मिले थे. इस सीट के लिए कुल 12 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी ठोकी थी. हालांकि अररिया की जनता ने भाजपा-राजद के अलावा किसी भी पार्टी को चुनना सही नहीं समझा. अररिया के 2019 लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में लोगों ने नोटा बटन को दबाया था.
1998 में पहली बार भाजपा को मिली थी जीत
अररिया सीट पर सिर्फ भाजपा का ही कब्जा नहीं रहा है बल्कि राजद को भी यहां कई मौके मिले है. 2018 के उपचुनाव में राजद ने बाजी मारी थी. राजद उम्मीदवार सरफराज आलम ने भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को इस सीट पर हराया था. उपचुनाव में सरफराज आलम को 5,09,334 और प्रदीप कुमार को 4,47,546 वोट हासिल हुए थे.
अररिया सीट पर शुरुआत के दो चुनाव में कांग्रेस का बोलबाला रहा था. लगातार दो टर्म (1967 और 1971) के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इस सीट से जीत हासिल हुई थी. 1977 में भारतीय लोक दल, 1980 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) को जीत मिली थी. 1984 के चुनाव में फिर से इस सीट पर कांग्रेस की वापसी हुई, हालांकि यह आखिरी बार था जब कांग्रेस की सरकार अररिया सीट पर बनी. 1989 से लेकर 1996 तक लगातार तीन टर्म जनता दल को यह सीट मिली. 1998 में पहली बार भाजपा को अररिया लोकसभा सीट पर जीत मिली थी. 1999 के चुनाव में राजद 2004 और 2009 दो टर्म में भाजपा, फिर 2014 में राजद, 2018 उपचुनाव में राजद और 2019 के चुनाव में भाजपा ने अररिया सीट पर जीत हासिल की.
अररिया सीट पर 8,54,837 पुरुष मतदाता है, महिला मतदाताओं की संख्या यहां 9,50,539 है और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या यहां 63 है. वही अररिया सीट पर मुस्लिम-यादव फैक्टर भी काम करता हुआ नजर आया है. अररिया सीट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर है. मुस्लिम वोटरों की संख्या लोकसभा चुनाव के किसी भी सीट पर चुनावी परिणामों को बदल सकती है.
अररिया सीट पर 44% मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है, 56% हिंदू मतदाता है, 15% यादव मतदाता इस सीट पर अहम फैक्टर निभाते हैं. 44% मुस्लिम और 15% यादव मिलाकर 59% वोट इस सीट पर है, जो (M-Y) समीकरण को दर्शाता है. इस समीकरण को अररिया सीट पर भाजपा ने पिछले आम चुनाव में मात दी थी.