बिहार की उजियारपुर लोकसभा (Ujiyarpur Loksabha) सीट हॉट सीट में शुमार है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता नित्यानंद राय ने इस सीट से जीत दर्ज की थी, लगातार दो चुनाव से भाजपा ही इस सीट पर काबिज है.
2008 के परिसीमन के बाद उजियारपुर समस्तीपुर जिले से अलग होकर अलग लोकसभा क्षेत्र के रूप में उभरा. 2009 के आम चुनाव में सबसे पहले इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर अश्वमेघ देवी ने जीत हासिल की थी. पहले चुनाव के बाद अगले दो चुनाव 2014 और 2019 में बीजेपी की लहर यहां बनी रही.
हैट्रिक लगाने की मंशा से उतरेगी BJP
भाजपा के खिलाफ रालोसपा के टिकट पर उपेंद्र कुशवाहा भी इस सीट से लड़ते रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक जीत नसीब नहीं हुई है. पिछले चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा को नित्यानंद राय ने 2.77 लाख वोटों के अंतर से चुनावी मैदान में हराया था. इसके अलावा सीपीआईएम के उम्मीदवार भी इस सीट पर भाजपा से हार चुके हैं. 2019 के आम चुनाव में नित्यानंद राय को 5,43,906 वोट मिले थे, जबकि उपेंद्र कुशवाहा को 26,628 वोट और सीपीआईएम के उम्मीदवार अजय कुमार को जनता ने 27,577 वोट दिया था.
उजियारपुर लोकसभा में यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा मुस्लिम, ब्राह्मण, ओबीसी और एससी-एसटी समाज के लोग भी यहां निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. उजियारपुर सीट पर यादव, मुस्लिम, ब्राह्मण वोटर भाजपा के खाते में वोट डालते हैं. इस लोकसभा चुनाव में एनडीए से भाजपा उम्मीदवार यहां हैट्रिक लगाने की मंशा से उतरेगा.
बिहार में चौथे चरण में 13 मई को उजियारपुर सीट पर वोटिंग होने वाली है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख है, जिसमें से 8.5 लाख पुरुष और 7.5 लाख महिला मतदाताओं की संख्या है. वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या उजियारपुर में 51 है.