Loksabha Election 2024: राजेंद्र प्रसाद और शहाबुद्दीन की धरती सिवान, इस चुनाव में किसे लगाएगी तिलक?

Loksabha Election 2024: बाहुबली नेता शहाबुद्दीन सारण सीट से चार बार सांसद रहे. लालू यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले शहाबुद्दीन की सीट को इस चुनाव में नजरअंदाज करने का आरोप लग रहा है.

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सिवान लोकसभा चुनाव

सिवान लोकसभा चुनाव

देश के पहले राष्ट्रपति प्रसाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरुल हक़, सैयद मोहम्मद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की धरती सिवान. सिवान लोकसभा क्षेत्र पहले इन लोगों की वजह से मशहूर हुआ करती थी, लेकिन बीते दशकों से सिवान राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में एक चर्चित नाम बन गई, वजह पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन. 

सिवान और शहाबुद्दीन

करीब तीन दशक से सिवान लोकसभा क्षेत्र बिहार के राजनीति में हॉट बना रहा. पूर्व सांसद दिवंगत शहाबुद्दीन की मौत के बाद इस बार पहली बार सिवान में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं. 2021 में कोरोना के कारण शहाबुद्दीन की मौत हो गई थी, जिसके बाद इस चुनाव में सभी की नजरे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब पर अटकी हुई है. सिवान की जनता के बीच साहेब के नाम से मशहूर शहाबुद्दीन निधन के पहले लंबे समय तक के जेल में बंद था, लेकिन इसके बावजूद सिवान की राजनीति उसके नाम पर काफी प्रभावित रही थी.

बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन का प्रभाव इलाके में काफी सालों तक बना रहा. राजद का बाहुबली नेता शहाबुद्दीन इस सीट से चार बार सांसद बना, 1996 से 2004 तक शहाबुद्दीन का परचम क्षेत्र में लहराता रहा. लेकिन लालू यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले शहाबुद्दीन की इस सीट को इस चुनाव में नजरअंदाज किया जा रहा है. इसे लेकर कुछ दिनों पहले ही शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने राजद पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था.

 

सिवान लोकसभा क्षेत्र में पहले चुनाव 1957 में हुए, इसके बाद करीब 15 साल तक कांग्रेस का सिवान में राज रहा. इसके बाद 1977 में जनता दल की सरकार यहां बनी. 1980 में फिर से कांग्रेस की इस सीट पर वापसी हुई और दो चुनाव में कांग्रेस यहां से जीतती रही. 1989 के चुनाव में भाजपा की पहली बार यहां एंट्री हुई. 1991 के चुनाव में जनता दल ने सिवान सीट पर जीत हासिल की और 1996 तक यहां अपनी सरकार को बनाए रखा. इसी दौरान शहाबुद्दीन का भी यहां वर्चस्व बना जो 2004 तक कायम रहा. 2009 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार ने सिवान में जीत हासिल की. 2014 के चुनाव में भाजपा और 2019 के चुनाव में जनता दल ने सिवान में जीत हासिल की. 

सीवान में दो नए चेहरे

इस चुनाव में भी सिवान सीट जदयू के खाते में डाली गई है, वहीं इंडिया ब्लॉक से सिवान सीट राजद के खाते में गई है. जदयू से इस चुनाव में कविता सिंह का टिकट कट गया है. इस बार जदयू ने नए चेहरे विजय लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है, तो इधर राजद ने हिना के बजाय अवध बिहारी चौधरी को सिवान की जिम्मेदारी दी है.

पिछले चुनाव में जनता दल युनाइटेड की कैंडिडेट कविता सिंह ने राजद उम्मीदवार हिना शहाब को एक लाख वोटों से हराया था. कविता सिंह को सिवान की जनता ने पिछले चुनाव में 4,48,473 दिए थे, वही शहाबुद्दीन की पांति को 3,31,515 वोट मिले थे. 

सिवान में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है, जिसके बाद 2.5 लाख यादव, 1.25 लाख कुशवाहा और 80 हजार के करीब साहनी मतदाता मौजूद है. अगड़ी जाति के 4 लाख और 2.5 लाख ईबीसी मतदाता लोकसभा क्षेत्र में है.

सिवान में 8,55,554 पुरुष मतदाता है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या यहां 9,43,944 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 53 है.

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