लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में केंद्र सरकार अपना दबदबा बनाने की कोशिश हर राज्य में कर रही है.
केंद्र सरकार ने बिहार, झारखंड राज्य में अपनी पकड़ बनाने के लिए खूब पापड़ बेले हैं. कहा जा रहा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजने के पीछे भी भाजपा का ही हाथ है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर जमीन घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जनवरी में गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के पहले से ही झारखंड में यह सुगबुगाहट शुरू हुई थी कि कल्पना सोरेन नई मुख्यमंत्री बनाई जा सकती है. लेकिन झामुमो के नेता ने अपनी कुर्सी चंपई सोरेन को सौंप दी और उसके बाद से कल्पना सोरेन के नाम की चर्चा बंद हो गई. लेकिन इसी बीच झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कल्पना सोरेन ने अपने राजनीतिक कैरियर शुरू करने का ऐलान कर किया है.
झारखंड में बहुचर्चित नाम कल्पना सोरेन कौन है?
आईए जानते हैं झारखंड में बहुचर्चित नाम कल्पना सोरेन कौन है. कल्पना सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बीवी और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बहू हैं.
कल्पना सोरेन का जन्म झारखंड के रांची में 1976 में हुआ था. इनके पिता एक बिजनेसमैन है और मां ग्रहणी है. कल्पना ने अपना ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग में किया, जिसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की. हेमंत सोरेन से शादी होने के पहले कल्पना की कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है. मूल तौर पर कल्पना सोरेन का परिवार उड़ीसा के मयूरभज जिले से आता है.
कल्पना सोरेन और हेमंत सोरेन की शादी 7 फरवरी 2006 को हुई थी. इन दोनों को दो बेटे हैं, जिनका नाम निखिल सोरेन और अंश सोरेन है.
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना बिजनेस और चैरिटी के कामों से जुड़ी हुई है. झारखंड में वह एक स्कूल भी चलती है, साथ ही ऑर्गेनिक खेती के कामों से भी जुड़ी हुई है. इसके अलावा कल्पना के पास तीन कमर्शियल बिल्डिंग का मालिकाना हक भी है, जिनकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए बताई जाती है.
कल्पना सोरेन का नाम पहली बार सुर्खियों में तब बना जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी के खिलाफ आरोप लगाए थे. रघुवर दास ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए व्यवसाय के लिए अपनी पत्नी को जमीन दिलाया है. जो कि आदिवासियों के लिए बनाए गए प्लाट का हिस्सा थी.
झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 1 वर्ष से भी कम समय में समाप्त
कल्पना फिलहाल झारखंड में विधायक नहीं है, अगर वह मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लेती तो उन्हें 6 महीने के भीतर उपचुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना होता. वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 1 साल से भी कम समय में खत्म हो रहा है, इसलिए उपचुनाव की संभावनाओं को भी खारिज किया जा सकता था.
वही झामुमो के विधायक सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को अचानक निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद यह हवा उठी थी की कल्पना सोरेन को सरफराज अहमद के सीट पर चुनाव में उतारा जा सकता है. इसी के लिए सरफराज से इस्तीफा दिलवाया गया है.
चुनाव आयोग से साझा की गई जानकारी के अनुसार 2019 में हेमंत सोरेन की पत्नी के पास 94,85,235 लाख रुपए कैश है. इसके अलावा उनके विभिन्न बैंक अकाउंट में 2,55,240 रुपए जमा है. साथ ही एक कंपनी में कल्पना सोरेन ने 2 लाख रुपए का निवेश भी किया हुआ है. पोस्ट ऑफिस अकाउंट में 6 लाख 79873 रुपए जमा है. LIC और ICCI की 24 लाख की पॉलिसी भी कल्पना सोरेन ने ले रखी है.