जिस पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए पप्पू यादव ने अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लिया. जिस सीट के लिए पप्पू यादव ने लालू यादव से हाथ मिलाया. जिस सीट के लिए पप्पू यादव इतने दिनों से पापड़ बेल रहे हैं, उस सीट पर लालू यादव ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया. बिहार में लोकसभा चुनाव के नजदीक आते-आते यह देखा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के अंदर ही पार्टियों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सीटों के बंटवारे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ ही नजर आ रहा है, कई सीटों पर अब भी असमंजस की स्थिति साफ नजर आ रही है.
इंडिया गठबंधन की इसी असमंजस में पूर्णिया सीट पर अब मुश्किल आ खड़ी हुई है, सबसे बड़ी मुश्किल इसमें पप्पू यादव के लिए होती हुई नजर आ रही है. दरअसल पप्पू यादव ने अपने आप को पूर्णिया सीट के लिए उम्मीदवार ऐलान कर दिया था, तो वही राजाद ने भी अपने पार्टी से इस सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा की है. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पूर्णिया सीट के लिए पार्टी का सिंबल बीमा भारती को थमाया है.
पप्पू यादव को मिली चुनौती
कांग्रेस और राजद के बीच में सीटों के बंटवारे पर बात न बनने की वजह से यह आक्रामक राजनीति साफ तौर पर झलक रही है. लालू यादव ने अपनी उम्मीदवार को पूर्णिया सीट से उतार कर पप्पू यादव को सीधी चुनौती दी है. पूर्णिया सीट से इस चुनाव में पप्पू यादव और बीमा भारती नहीं बल्कि पप्पू यादव बनाम लालू यादव का चुनाव देखने को मिलेगा.
पिछले दिनों से पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय कराया तब उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि पूर्णिया सीट से वहीं चुनाव लड़ेंगे. लेकिन राजद सुप्रीमो के मन में उस सीट के लिए किसी और उम्मीदवार की ही छवि बनी हुई थी. बुधवार को ही रुपौली से पांच बार की विधायक बीमा भारती ने यह कहा था कि राजद पार्टी की ओर से उन्हें सिंबल दिया गया है. पूर्णिया सीट के लिए वह 3 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगी. बीमा भारती ने कहा था कि पूर्णिया सीट से वह चुनाव में भारी अंतर से जीतेंगी.
पूर्णिया सीट पर अपना दावा ठोक चुके पप्पू यादव ने यह कहा था कि पूर्णिया मेरी मां है और मैं पूर्णिया सीट नहीं छोडूंगा, भले ही जान दे दूंगा. पप्पू यादव ने आगे कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विश्वास मेरे साथ है. लालू यादव मेरे लिए सम्मानित नेता है. पिछले 1 साल से मैं पूर्णिया में "प्रणाम पूर्णिया आशीर्वाद" यात्रा के तहत घूम रहा हूं. पूर्णिया की जनता मुझे भाई बेटा मान चुकी है, अपना आशीर्वाद देने का मन बना चुकी है.