शुक्रवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में देश में नई रेल लाइन बिछाने का फैसला लिया गया है. मोदी सरकार ने 900 किलोमीटर की नई रेल लाइन बिछाने का फैसला लिया है. यह रेल लाइन पूर्वी भारत में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा और रोजगार अवसरों में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय के आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी. इन परियोजनाओं की कुल लागत 24,657 करोड़ रुपए है. इन आठ परियोजनाओं को 6 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
योजना के बारे में जानकारी देते हुए रेल, सूचना एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया नई रेल लाइन सीधे कनेक्टिविटी देंगे. इससे गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे को बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी. इन योजनाओं से रोजगार, स्वरोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे जिससे कई क्षेत्र में लोग आत्मनिर्भर बनेंगे.
इन योजनाओं को सात राज्य उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के 14 जिलों में तैयार किया जाएगा. इस नई योजना से भारतीय रेलवे का नेटवर्क मजबूत होगा और 900 किलोमीटर तक बढ़ेगा. परियोजनाओं के तहत 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो लगभग 6 आकांक्षी जिले पूर्वी सिंहभूम, भद्रदीकोठागुडेम, मलकानगिरी, कालाहांडी, नवरंगपुर, रायगढ़ में होंगे. इनके साथ 510 गांव और करीब 40 लाख की आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी.
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट अजंता की गुफाएं भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ेंगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटक भी बढ़ेंगे. नए रेलवे नेटवर्क से कृषि उत्पादन, उर्वरक, कोयला, लोहा, स्टील, सीमेंट, बॉक्साइट, चूना पत्थर, अल्युमिनियम पाउडर, ग्रेनाइट, गिट्टी, कंटेनर जैसी वस्तुओं के परिवहन को मार्ग मिलेगा.
पीएम गति शक्ति प्लान के तहत इन सभी योजनाओं को 2030-31 तक पूरा किया जाएगा. योजना के तहत भागलपुर के पास 26 किलोमीटर लंबी विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज को मंजूरी दी गई है. जिस पर 2549 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस योजना की मांग लंबे समय से चली आ रही थी. इससे नेपाल से बिहार होते हुए झारखंड जाने में सहूलियत होगी.