सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द करते हुए बिहार में एक लाख पैक्स सदस्यों के फिर से बहाली का आदेश सुनाया है. राज्य में पैक्स(प्राथमिक कृषि ऋण समितियां) के लिए 26 नवंबर से 3 नवंबर तक पांच चरणों में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
दरअसल शीर्ष अदालत ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें पैक्स सदस्यता से संबंधित नियम(7) 4 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे नियमावली से हटाने के लिए कहा गया था. आदेश के बाद 1 लाख पैक्स सदस्यों की सदस्यता को हटा दिया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फिर से बहाल करने का बिहार सरकार को निर्देश दिया है. इन सदस्यों के नाम को वोटर लिस्ट में जोड़ा जाएगा, जिससे यह सभी पैक्स चुनाव में मतदान कर सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सहकारिता विभाग ने सभी सहायक निबंधक और जिला सहकारिता पदाधिकारी को आदेश दिया है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद हटाए गए सदस्यों की सदस्यता बहाल की जाए. विभाग ने अपने पूर्व के आदेश को वापस भी ले लिया है, जिसमें(7)4 को विलोपित करने को कहा गया था. गुरुवार को विभाग ने इसके संबंध में अधिसूचना जारी की है.