बिहार में बाढ़ के कारण कई जिले प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ से राजधानी पटना से लेकर भागलपुर तक जलमग्न नजर आ रहा है. गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से भागलपुर जिले के 11 प्रखंडों में बाढ़ से त्राहिमाम मचा हुआ है. यहां बाढ़ के कारण 105 सरकारी स्कूलों की पढ़ाई बाधित हो गई है. जानकारी के मुताबिक 19 सितंबर तक इन प्रखंडों के 16 स्कूल बाढ़ से प्रभावित हो गए थे. मगर अगले दिन 89 अन्य स्कूल भी बाढ़ की चपेट में आ गए. बढ़ का पानी स्कूलों में घुस गया है जिस कारण पढ़ाई के साथ-साथ अर्धवार्षिक परीक्षा भी रुक गई है.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के नाथनगर प्रखंड में सबसे ज्यादा 28 स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो गई है. गोपालपुर के 15, सबौर के 12, रंगरा चौक के 11, इस्माइलपुर के 10, नारायणपुर के 10, नगर निगम के 4, कहलगांव के दो, सुल्तानगंज के दो, शाहकुंड के दो और पीपरपैंती के एक स्कूल में पानी घुस गया है. बाढ़ से प्रारंभिक से लेकर उच्च विद्यालयों तक की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
भागलपुर में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर में भी गंगा नदी का पानी घुस गया है. शुक्रवार की सुबह जलस्तर में बढ़त दर्ज की गई, जिस कारण यूनिवर्सिटी की पढ़ाई भी बाधित हो गई है. यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक विभाग, लालबाग के पीजी गर्ल्स हॉस्टल और प्रोफेसर क्वार्टर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. परिसर जलमग्न होने के कारण गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने रूम खाली कर दिया है. ओबीसी गर्ल्स हॉस्टल में भी पानी लबालब भर चुका है. यूनिवर्सिटी के कुलपति ने छात्राओं से हॉस्टल छोड़ने के निर्देश दिए हैं.
फिलहाल भागलपुर में बाढ़ से राहत नहीं होने के अनुमान है. केंद्रीय जल आयोग ने प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि का अनुमान लगाया है. शुक्रवार को यहां गंगा का पानी खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर पाया गया.