बिहार में पहले से ही पुल, पुलियों, सड़क, ओवर ब्रिज धंसने की खबर सुर्खियां बटोर रही थी, ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने भी इसमें बाजी मारी है. शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभाग एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है, लेकिन ऐसे में विभाग की एक असफलता सामने आई है. बिहार के एक सरकारी स्कूल में छत गिरने का मामला सामने आया है. दरअसल बिहार में बारिश के कारण जिस तरह से पुल टूट कर बह जा रहे हैं, इसी तरह बारिश के कारण मुंगेर में एक सरकारी स्कूल की छत बारिश में ध्वस्त हो गई.
दो दिनों से मुंगेर में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, इसी दौरान मुंगेर के सदर प्रखंड के तारापुर दियारा के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशपुर में एक पुराने बंद स्कूल की छत अचानक गिर गई. छत गिरने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसमें स्कूल के अंदर छत का मालबा फैला हुआ नजर आ रहा है. हालांकि इस भवन को शिक्षा विभाग की तरफ से जर्जर घोषित कर दिया गया था.
स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि कुछ साल पहले ही इस भवन को जर्जर घोषित किया गया था, जिसके बाद केवल दो कमरों में ही कक्षाएं संचालित की जा रही थी. इसकी जानकारी विभाग के पास भी मौजूद थी. भवन जर्जर घोषित होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था, जिसके कारण एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. लोगों ने बताया कि बच्चे इसी भवन के बरामदे में खेला करते थे.
विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया. जिस स्कूल के भवन की छत टूटी है वहां प्लस टू तक की पढ़ाई होती है. कुछ कक्षाओं का संचालन पंचायत भवन में कराया जाता है.
सरकारी स्कूल भवन की छत टूटने के बाद अब शिक्षा विभाग भी सवाल के घेरे में आ गया है. इतने मासूम बच्चों की ज़िन्दगी एक जर्जर भवन की चपेट में आ सकती थी. विभाग के तमाम व्यवस्था दुरुस्त करने के दावें इस एक घटना से फिस्सड्डी साबित हो रहे है.