बिहार के औरंगाबाद में जादू-टोना करने के संदेह में एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दो महिला समेत 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 13 अगस्त 2020 को औरंगाबाद के इब्राहिमपुर गांव में 65 वर्षीय जगदीश राम की संदेह के आधार पर हत्या की गई थी. जिन लोगों ने बुजुर्ग की हत्या की थी, वह सभी इब्राहिमपुर गांव के ही रहने वाले थे.
अतिरिक्त लोक अभियोजक राजाराम चौधरी ने इस पूरे मामले पर बताया कि 13 अगस्त 2020 को जगदीश राम की हत्या इस संदेह में की गई थी कि वह जादू-टोना करता है. इस मामले में कोर्ट ने सभी पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश(द्वितीय) औरंगाबाद धनंजय मिश्रा की अदालत ने 16 लोगों को सजा सुनाई है.
धारदार हथियारों से हमला
घटना के बारे में बताया जाता है कि दोषियों ने जगदीश राम पर धारदार हथियारों से हमला किया था. इस पूरी घटना के बाद जगदीश राम की पत्नी के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. जगदीश राम की पत्नी ने 16 लोगों के नाम को दर्ज कराया था. मृतक की पत्नी ने कहा था कि गांव के ही भुवनेश्वर राम के बेटे जगल राम की किसी बीमारी से मौत हो गई थी. लेकिन गांव के लोगों ने उनके पति पर ओझा गुनी का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर दी. जिन दोषियों को सजा मिली है उनमें सुरेश, राम, रविंद्र राम, सुरेंद्र राम, सत्येंद्र राम, महाराज राम, उदय राम, शत्रुघन राम, विनीत राम, मनोरमा देवी, सुदामा राम, बलिंदर राम, राकेश राम, रामदेव राम, राजन राम, ललिता देवी और मुकेश राम शामिल है.
गौरतलब है कि यूपी, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में जादू टोना के मामले अक्सर देखे जाते हैं. 21वीं सदी में लोग जहां चांद और अंतरिक्ष की सैर कर रहे हैं, गांव-गांव तक शिक्षा पहुंच रही है, वहीं अब भी कई जगहों पर अन्धविश्वास के नाम पर हिंसा हो रही है. ज्यादातर ऐसे मामलों में गांव के लोग निचले तपके के लोगों को इसका शिकार बनाते हैं. संपन्न लोग यह मानते हैं कि निचले तकके के लोग उन पर जादू- टोना कर रहे हैं. हालांकि सरकार और पुलिस इन मामलों को काम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अशिक्षा और अन्धविश्वास ऐसे मामलों की मुख्य जड़ बने हुए है.