17 नवंबर शुक्रवार के दिन से आस्था का महापर्व छठ महापर्व बिहार में शुरू हो गया है.
चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के पहले दिन नहाए खाए से लोग इस व्रत की शुरुआत करते हैं. नहाए खाए के दिन व्रती सात्विक भोजन करते हैं जिसमें कद्दू खासकर शामिल किया जाता है. कई जगहों पर नहाए खाए को कद्दू भात के भी नाम से कहा जाता है.
नहाए खाए के बाद अगले दिन यानी शनिवार को राज्य में खरना पूजा होगी और रविवार के दिन डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया जाएगा. वही आखिरी दिन सोमवार को उगते सूरज को श्रद्धालु अर्ध्य देंगे और चार दिवसीय छठ पूजा का समापन होगा.
कार्तिक छठ पूजा का महत्व बिहार में सबसे बढ़कर है इसे लेकर राज्य में भव्य तैयारियां की जाती है. सरकार की तरफ से भी खास इंतजाम छठ व्रतियों के लिए घाटों पर किए जाते हैं. दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की तादाद भी इन दिनों बढ़ जाती है. लोग खासकर छठ में अपने घर और गांव लौटते हैं जिसकी वजह से ट्रेनों में खचाखच भीड़ रहती है.
बिहार में खास कर मनाया जाने वाला ये पर्व अब विदेशों में भी लोकप्रिय है.