सुशासन की सरकार, विकसित बिहार, विकास बाबू, नौकरियों का भंडार इत्यादि के नाम से बिहार सरकार मशहूर है. क्या यही है नीतीश कुमार की असली सरकार? दरअसल नीतीश कुमार की सरकार ऐसे तो अपराध मुक्त, विकासशील सरकार के नाम से जानी जाती है. नीतीश-तेजस्वी अपने सरकार का गुणगान करने से पीछे नहीं हटते हैं. कभी नौकरी बांटते है तो कभी स्मार्ट सिटी बनाते है.
बिहार में इस सरकार की सच्चाई या यूं कहें कि एक कड़वी सच्चाई लोगों के लिए सामने आई है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने 1 साल में हुई हत्या के रिकॉर्ड को जारी किया है. साल 2023 में देशभर में 28,522 मामले हत्या के दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हर घंटे तीन हत्याएं देश भर में हुई है.
एक साल में पटना में 107 हत्याएं
एनसीआरबी की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं, जिसके बाद नीतीश-तेजस्वी का राज्य आता है. जी हां बिहार लिस्ट में दूसरे नंबर पर आता है. 2022 में बिहार में 2,930 हत्या के मामले दर्ज किए गए है. वही उत्तर प्रदेश में 3491 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद महाराष्ट्र हत्या के मामले में तीसरे नंबर पर आता है, जहां 1 साल में 2295 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक हत्या के मुख्य कारण विवाद रहे हैं. देश भर में आपसी विवाद में 9962 हत्या हुई है. महिलाओं से संबंधित अपराध 2022 में कुल 20,000 मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि इसमें भी 65,743 अपराध के साथ यूपी सबसे टॉप पर है.
बात करें राजस्थानी पटना की तो देश के 19 महानगरों में से हत्या के मामले में पटना छठे स्थान पर है. एक साल में पटना में 107 हत्याएं हुई है. दिल्ली इस मामले में सबसे ऊपर है जहां 1 साल में 501 हत्याएं हुई है.
राजधानी पटना में हुए इन हत्याओं में सबसे ज्यादा 81 पुरुषों की हत्या हुई है जबकि 26 महिलाओं की हत्या 1 साल में हुई है.