NEET Paper Leak की जांच देशभर में चल रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में नीट पेपर लीक में शामिल अओपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी का सिलसिला चल रहा है. ऐसे में बिहार में भी जांच में तेजी लाई गई है. नीट पेपर लीक की जांच की पूरी जिम्मेदारी सीबीआई के हाथों में दी गई है, जिसके लिए सीबीआई की दो सदस्यीय टीम आज पटना पहुंची. सोमवार को पटना के ईओयू कार्यालय में सीबीआई की टीम पहुंची और पेपर लीक मामले में जानकारी जुटाने में लग गई है.
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट(ईओयू) ने बीते दिन ही केंद्र सरकार को नीट पेपर लीक की जांच रिपोर्ट सौंप थी. खबरों के मुताबिक रिपोर्ट में बिहार झारखंड के 100 अभ्यर्थियों को नीट पेपर दिए जाने का जिक्र किया गया है. नीट की परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर में आयोजित कराया गया था. बिहार में नीट पेपर लीक मामले की जांच में यह खुलासा हुआ कि राजधानी पटना के खेमनीचक के एक स्कूल में, बाईपास के होटल और झारखंड के कुछ शहरों में अभ्यर्थियों को सवाल-जवाब रटवाए गए थे.
सात सेंटरों पर नीट यूजी री-एग्जाम
शनिवार को ईओयू की रिपोर्ट के मुताबिक नीट यूजी पेपर लीक के सीबीआई को सौंप दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने के जांच सौपते हुए कहा कि बिहार पुलिस ने पेपर लीक साबित कर दिया है. लेकिन यह पटना, नालंदा और वैशाली तक ही सीमित रहा है. बता दें कि बिहार के अलावा झारखंड से भी कई आरोपियों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया है.
इधर पेपर लीक की जांच के बीच रविवार को 1563 ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों के लिए परीक्षा का आयोजन कराया गया. देशभर के पांच राज्यों के सात सेंटरों पर नीट यूजी री-एग्जाम को कराया गया ,जिसमें 813 छात्र ही शामिल होने पहुंचे. री-एग्जाम को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आयोजित कराया गया था. दरअसल नीट परीक्षा में 1563 स्टूडेंट को 790 में से 790 मार्क्स आए थे, जिस पर एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दिए जाने की सफाई दी थी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मार्क्स को हटाकर काउंसलिंग कराने और एग्जाम करने का निर्देश दिया था.