शुक्रवार को लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पहली बार सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. करीब 3 महीने बाद सचिवालय के मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित हुई इस बैठक में सीएम ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सीएम की मुहर लगी. बैठक में नीतीश कुमार ने कुल 25 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित कर दिया, जिसमें बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमवाली के प्रस्ताव पर भी सीएम की मुहर लगी. इसके अलावा कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता दर में बदलाव करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली. राज्यकर्मियों को एक से छह प्रतिशत तक बढ़े हुए मकान किराया भत्ता की भी सौगात मिलनी शुरू होगी. यह बढ़ोतरी 7 साल बाद हुई है.
15 दिनों के भीतर रोजगार
मनरेगा के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमवाली-2024 को मंजूरी मिली, जिसमें बेरोजगारों को रोजगार के लिए आवेदन देना होगा. आवेदक को 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिलता है तो मांग तिथि से तय सीमा के भीतर दैनिक बेरोजगारी भत्ता मिलेगा.
कैबिनेट की बैठक में महाविद्यालय दलित, अल्पसंख्यक, अति पिछड़ा वर्ग के लिए अक्षर आंचल योजना के तहत 774 करोड़ रुपए को भी स्वीकृति मिली है. जिसका लाभ राज्य के 30,000 कर्मियों को मिलेगा. इस योजना में तालीम मरकज के 10,000 और शिक्षक सेवा के 20,000 कर्मी शामिल है.
बैठक में बिहार सरकार ने कंटीन्जेंसीज फंड में भी इजाफा किया है. 2024-25 में 30 मार्च 2025 तक के लिए अस्थाई रूप से 350 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपए किया गया है.
मालूम हो कि शुक्रवार की बैठक के पहले 15 मार्च को आखिरी कैबिनेट बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें 108 एजेंडों पर सीएम ने अपनी मुहर लगाई थी. इसमें राजगीर में एयरपोर्ट बनाने की योजना पर भी मुहर लगी थी. शुक्रवार की बैठक में सीएम नीतीश कुमार के अलावा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा समेत सभी मंत्री भी मौजूद रहे.