बिहार सीएम नीतीश कुमार राज्य के विकास के कई सपने बुनते हुए नजर आते हैं. बिहार में अपने सपने के अनुसार कई पर्यटक स्थलों का निर्माण कराया है. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट्स भी आए दिन उद्घाटन की कगार पर रहते हैं. इसी कड़ी में सीएम कुमार ने राज्य में आधारभूत संरचना निर्माण कराने का फैसला लिया है. जिसके लिए उन्होंने 48 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है.
सीएम इन पैसों को अलग-अलग वित्तीय संस्थानों से जुटाएंगे. इस कर्ज में कम और लंबी दोनों तरह की अवधि ऋण शामिल है. बिहार में आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इसके शुरुआत हो रही है. वित्त विभाग ने कई योजनाओं के ऊपर काम करना शुरू भी कर दिया है.
मिरी जानकारी के मुताबिक 2700 करोड़ रुपए सरकार नाबार्ड से कर्ज लेगी. 300-300 करोड़ रुपए नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी लिए जाएंगे. कुछ रकम ओपन मार्केट और विदेशी फंडिंग एजेंसियों से मांगे जाएंगे.
बता दें कि नीतीश सरकार की योजना चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में विकास कार्यों पर ध्यान देने की है. नाबार्ड से मिलने वाले रूपयों को ग्रामीण इलाकों में कृषि विकास पर खर्च किए जाएंगे. साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण, अनाज गोदाम इत्यादि कामों पर पैसा खर्च होगा.
सिडबी से मिलने वाले 300 करोड़ रुपए औद्योगिक क्षेत्र में लगाए जाएंगे. मजदूरों के बच्चे के लिए स्कूल भवन निर्माण पर भी पैसे खर्च होंगे. शहरी क्षेत्र में विकास के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक से पैसे खर्च किए जाएंगे, जिससे प्याऊ, बस स्टैंड, शवदाह गृह जैसी योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा.