बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नीतीश कुमार कहते-कहते अपने शब्दों की मर्यादा भूल गए थे. मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बयान दिया था.
मुख्यमंत्री का इस तरह से भरी सभा में आपत्तिजनक बयान देते पर चारों तरफ से उनकी किरकिरी हुई थी.
सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री ने अपने बयानों को लेकर माफी मांगी है. सीएम ने कहा है कि सदन में मैं माफी मांगने को तैयार हूं. मैं सफाई दे चुका हूं. अगर आपको तकलीफ हुई है तो मैं माफी मांगता हूं. मैं अपनी निंदा करता हूं. शर्म करता हूं. आप मेरी निंदा करें. मैं आपका अभिनंदन करता हूं.
सरकार ने बहुत काम की है महिलाओं की पढ़ाई के लिए
मुख्यमंत्री ने अपने सरकार की उपलब्धियां के गिनाते हुए कहा कि लड़का के साथ लड़की के पढ़ाई को लेकर मैंने काफी कुछ किया है. मुझे काफी खुशी है कि बड़ी तेजी से राज्य की महिलाएं पढ़ रही हैं. हमारी सरकार ने महिलाओं की पढ़ाई को लेकर काफी काम किया है. मेरे मन से कोई बात आ गई पुरुष स्त्री को लेकर तो मैं माफी मांगता हूं. मैं अपनी बातों को वापस लेता हूं. मेरे जिस पर बात पर निंदा हो रही है, उसे मैं वापस लेता हूं. महिलाओं के उत्थान के लिए बिहार में हमारी सरकार ने बहुत काम किया है.
विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री के दिए गए बयानों को लेकर हंगामा कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री के मुंह से इस तरह का बयान शोभा नहीं देता है. मुख्यमंत्री सदन में अपनी बातों को कह रहे थे और विपक्ष लगातार उनके पिछले बयानों पर हंगामा कर रहा था. हंगामे के बाद आज दोपहर 2:00 बजे तक के लिए सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है.