पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को लगा था कि वह अपनी पैठ देश के कुछ राज्यों में बना सकेगी, लेकिन फैसला पलट गया. भाजपा के पक्ष में वोट जाने से अब कांग्रेस के हाथ से सब कुछ निकलता जा रहा है.
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और इंडिया एलायंस ने अपने साथ कई लोगों को जोड़ा है. अब इन साथियों से ही लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने उम्मीद रखी हुई है. आने वाले चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी बिल्कुल चुस्त- दुरुस्त हो गए हैं. लोकसभा चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए एक समय एनडीए गठबंधन के साथ ही रहे, बिहार के मुख्यमंत्री मैदान में एनडीए को ललकारते हुए नज़र आएंगे.
कुर्मी वोट बैंक को साधेंगे निशाना नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिसंबर महीने में ही पीएम मोदी के चुनाव क्षेत्र में कार्यक्रम करने वाले हैं. इंडिया गठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार वाराणसी से ही प्रचार की शुरुआत करने वाले हैं. दो लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लोकसभा सीट से जीत चुके है.
24 दिसंबर को सीएम नीतीश कुमार पहली जनसभा वाराणसी में करेंगे, जहां वह कुर्मी वोट बैंक को अपने पाली में लाने के लिए जी जान लगा देंगे. नीतीश कुमार वाराणसी के रोहनिया में विशाल जनसभा को लेकर तैयारी कर रहे हैं. बिहार कैबिनेट और जदयू के संगठन मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है.
इधर नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने की चर्चा लगातार उठ रही है. कभी फूलपुर तो कभी बनारस कभी अंबेडकर नगर तो कभी प्रतापगढ़ से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 17 दिसंबर को वाराणसी में प्रचार करने के लिए पहुंचने वाले हैं. अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री 34वीं बार वाराणसी के दौरे पर पहुंच रहे हैं.