बिहार में अब घर बनवाना मांगा हो जाएगा. बुधवार को श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बिहार सरकार 10 लाख से अधिक लागत वाले भवनों पर एक प्रतिशत सेस लगाएगी. इस एक प्रतिशत राशि को राज्य सरकार मजदूर कल्याण के लिए खर्च करेगी.
श्रम संसाधन मंत्री ने आगे बताया कि सैटेलाइट मैपिंग के जरिए पता चला है कि इलाके में कितनी बिल्डिंग बनाई जा रही है. फिलहाल पटना, गया और मुजफ्फरपुर में सैटेलाइट मैपिंग के लिए विभाग ने कार्यालय भी खोला है. श्रम संसाधन विभाग लगातार मजदूरों के कल्याण के लिए काम कर रहा है. जिस कारण टैक्स बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है, इससे 1500 करोड़ वसूली का लक्ष्य रखा गया है. इन पैसों को मजदूरों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा. यह लोगों में जागरूकता लाने के लिए है मजदूरों की मेहनत और खून पसीना से मकान बनता है. उनकी भलाई के लिए यह फैसला लिया गया है.
इसके साथ ही श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि बिहार में मजदूरों के मौत पर मुआवजा भी बढ़ गया है. पहले मजदूर की मौत पर 1 लाख मुआवजा मिलता था, जिसे एक लाख और बढ़ा दिया गया है. यानि अब राज्य में मृतकों मजदूरों के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अगर मजदूर की मौत विदेश में मजदूरी करते हुए होती है तो उसे भी 2 लाख रुपए ही मुआवजा मिलेगा. मंत्री ने आगे बताया है कि सात निश्चय योजना पार्ट-2 के तहत 60% औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बनकर तैयार हो चुके हैं. जिसका जल्द ही सीएम नीतीश कुमार उद्घाटन करेंगे. दूसरे चरण में 89 संस्थाओं को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है.
बता दें कि राज्य में एक प्रतिशत सेस यानी उपकार के ऊपर लगाए जाने वाला एक टैक्स होता है. यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के टैक्स पर लगाया जाता है. इस टैक्स को विशिष्ट उद्देश्य के लिए लगाया जाता है. जब इस टैक्स को लगाने का उद्देश्य पूरा हो जाता है तो सरकार इसे वसूलना भी बंद कर देती है.