बिहार में अब अच्छा काम ना करने वाले डीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राज्य के नए मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कमान संभालने के साथ ही सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सीएम नीतीश कुमार के दिशा-निर्देशों पर चलते हुए नए मुख्य सचिव अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने सभी विभागों और जिलों को एक-एक वर्ष की प्राथमिकता तय करने का निर्देश दिया है. पिछले 1 साल में विभागों में जितनी योजनाओं पर काम हुआ है और जिन योजनाओं पर काम चल रहा है, उसकी स्थिति की भी जानकारी अमृतलाल मीणा ने मांगी है.
नए मुख्य सचिव के दिशा-निर्देशों के अनुसार अब राज्य के सभी जिला अधिकारियों के काम को रैंकिंग दी जाएगी. दरअसल राज्य सरकार के विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए डीएम के परफॉर्मेंस को आंका जाएगा. इस परफॉर्मेंस में जिस भी जिले का खराब प्रदर्शन होगा, वहां के डीएम के खिलाफ कार्रवाई होगी. डीएम की रैंकिंग में कई पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा. डीएम के प्रदर्शन को ऑब्जेक्टिव आधार पर तैयार किया जाएगा, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
मंगलवार की बैठक से पहले भी मुख्य सचिव ने पिछली बैठक में जिलाधिकारी को विकासदूत बनने के निर्देश दिए थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को नए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी के साथ बैठक की. पहले दिन ही उन्होंने जिलाधिकारियों और विभाग के अध्यक्षों से औपचारिक तौर पर बातचीत करते हुए काम को लेकर फीडबैक दिए.