बिहार में जल्द ही साइबर फोरेंसिक जांच के लिए दो लैब खोले जाएंगे. विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पटना और क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में साइबर फॉरेंसिक लैब के दो केंद्रों को स्थापित किया जाएगा. इसके लिए 13 करोड़ 66 लाख 50 हजार 752 रुपए की राशि स्वीकृत की गई हैं.
इन दोनों लैब के परामर्श के रूप में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर काम करेगा. आने वाले 5 सालों तक इस विश्वविद्यालय से हैंड होल्डिंग सपोर्ट भी मिलेगा. साथ ही 12 ऑफिसर, साइबर एक्सपर्ट भी दिए जाएंगे.
बिहार में साइबर अपराध 5 सालों में 16 गुना बढ़ चुके हैं, जिसके लिए राज्य में 44 साइबर थाना हैं. हाल में ही नए आपराधिक कानून के तहत जिस केस में 7 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है उसके लिए एफएसएल रिपोर्ट होनी जरूरी है. बिहार में साइबर एफएसएल लैब मौजूद नहीं था जिस कारण दूसरे राज्यों से रिपोर्ट मंगवाई जाती थी. इस प्रक्रिया से जांच में लंबा समय लग जाता था और कई केस लंबित रह जाते थे. कुछ केस में सैंपल क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती थी. एफएसएल लैब की कमी और जरूरत को देखते हुए दो केंद्रों को खोलने का निर्णय लिया गया है.