लोजपा(रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रिय लोजपा प्रमुख पशुपति पारस के बीच सुलह नहीं हो सकती. चाचा-भतीजे के बीच का मनमुटाव अब किसी भी हाल में सुलझाया नहीं जा सकता. रालोपा प्रमुख पशुपति पारस ने भतीजे के साथ किसी भी सुलह को इनकार कर दिया है और कहा कि अब इसमें बहुत देर हो चुकी है.
पशुपति पारस ने कहा कि जब बड़े भाई रामविलास पासवान जिंदा थे, तो भाइयों के बीच कोई दरार नहीं थी. लेकिन अब चिराग पासवान से सुलह कभी नहीं हो सकती. अब वह ऐसी स्थिति में नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जब पार्टियां टूटती हैं, तो वह एक हो सकती है, लेकिन जब दिल टूटते हैं तो वह नहीं जुड़ सकते.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पारस ने आगे कहा कि परिवार एक था, लोक जनशक्ति पार्टी एकजुट थी. लेकिन यह उनका दुर्भाग्य है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद यह दोनों ही अलग हो गए. पार्टी में विभाजन का कारण सभी को मालूम है.
इन दिनों चुनाव को देखते हुए रालोपा और लोजपा(रा) के मिलन की संभावना हो रही थी. बिहार के सियासत में यह सवाल चलने लगा था कि इस बार चाचा-भतीजे साथ चुनाव लड़ेंगे. मगर पशुपति पारस के इन जवाबों ने सुलह की गुंजाइश पर लगाम लग गया है.
पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का भी राज खोला. उन्होंने बताया कि तीन हफ्ते पहले पटना में भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख दिलीप जायसवाल से उन्होंने मुलाकात की. इसके बाद दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले. इस दौरान भाजपा नेताओं से उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की.