बृहस्पतिवार को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी है, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 40वीं बरसी पर सिख समुदाय के लोगों ने खालिस्तानी समर्थक नारे लगाए. समुदाय के लोगों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे स्वर्ण मंदिर के अंदर लगाए. इसके साथ ही लोगों ने श्री अकाल तख्त साहिब के बाहर तलवारे लहराई और जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर भी हाथों में लिए नजर आए.
2 दिन पहले ही लोकसभा चुनाव के परिणाम में दो खालिस्तान समर्थक पंजाब में रिकॉर्ड वोटों से जीत गए. असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सिक्योरिटी गार्ड बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत खालसा पंजाब लोस में जीत गए. स्वर्ण मंदिर में अमृतपाल की मां और फरीदकोट से सांसद चुने गए सरबजीत भी मौजूद रहे. अमृतपाल की मां बलविंदर कौर स्वर्ण मंदिर से चली गई, लेकिन सांसद खालसा वहीं रहे.
पंजाब पुलिस हाई अलर्ट पर
स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए सिखों को पहले श्रद्धांजलि दी गई. श्री श्री अखंड पाठ के भोग के बाद अरदास हुई और कांग्रेस पार्टी की निंदा की गई. इधर स्वर्ण मंदिर के आसपास बरसी को देखते हुए पंजाब पुलिस भी हाई अलर्ट पर है. अमृतसर में पैरामिलिट्री और पुलिस सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. अमृतसर के अधिकतर बाजार बंद है. श्री हरमंदिर साहिब से लेकर पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
मालूम हो कि जरनैल सिंह भिंडरावाले की अगुवाई में अलगवादियों ने अलग पंजाब बनाने की मांग की थी. अलग पंजाब की मांग को स्वर्ण मंदिर के शरण में लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को चुनौती भी दी गई थी. केंद्र ने इन अलग्वादियों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए 1 से 6 जून 1984 तक कड़ी कार्रवाई की थी, जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार के नाम से जाना जाता है. इस ऑपरेशन के दौरान स्वर्ण मंदिर को काफी नुकसान हुआ था और कई लोगों की मौत भी हुई थी. इसी ऑपरेशन के कुछ महीने बाद इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी.