पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को रंगदारी मांगने के आरोप में आज जमानत मिल गई है. फर्नीचर व्यवसायी से 1.25 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप पूर्णिया नव निर्वाचित सांसद पर लगा था, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
गुरुवार को सीजेएम कोर्ट, पूर्णिया ने पप्पू यादव को इस मामले में बरी कर दिया है. मामले से बरी होने के बाद पप्पू यादव ने कोर्ट से बाहर निकलने के बाद इसे एक साजिश बताया. उन्होंने कोर्ट से निकलते हुए कहा कि जिस तरीके से फर्नीचर व्यवसायी और पुलिस ने उनके नाम को उछाला है, इन सब से वह बहुत आहत है. इसे लेकर वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे. पूर्णिया सांसद ने आगे कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे, जिसमें फर्नीचर व्यवसायी राजा भगत मुफ्फसिल थाना अध्यक्ष बृजेश कुमार और वैसे उच्च अधिकारियों का नाम शामिल करेंगे, जिनके इशारों पर उनके खिलाफ बगैर जांच के प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बरी होने के बाद बातचीत के दौरान पप्पू यादव फिर से भावुक हो गए. आखिर में उन्होंने कहा कि सच की जीत हुई है.
रंगदारी की मांग
फर्नीचर व्यवसायी ने 11 जून को पुलिस को शिकायत में बताया कि 4 जून को मतगणना वाले दिन पप्पू यादव ने उन्हें अपने घर बुलाया था. जब वह उनके घर पहुंचे तो उनसे 1.25 करोड़ रुपए रंगदारी मांगी गई. इसके साथ ही उन्हें धमकी भी दी गई कि अगर पैसे नहीं मिले तो जान से मार दिया जाएगा. व्यवसायी ने यह भी बताया था कि पप्पू यादव ने कहा कि अगले 5 साल तक वह पूर्णिया के सांसद रहेंगे और उसे तब तक निपटते रहना होगा.
फर्नीचर व्यवसायी की शिकायत के बाद मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया हुआ था. जिसमें पप्पू यादव और अमित यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी.