ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने देश के नाम कांस्य पदक जीता है. गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया. तीसरे स्थान के लिए भारत ने स्पेन से कड़ा मुकाबला जीता. इसके पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारत ने कांस्य पदक जीता था. दूसरी बार कांस्य पदक हासिल कर 52 साल बाद बैक टू बैक पदक भारत ने जीता है. इसके पहले 1968 मैक्सिको ओलंपिक और 1972 म्यूनिख ओलंपिक में भारत ने लगातार दो कांस्य पदक जीते थे.
भारतीय हॉकी टीम के कांस्य जीतने के बाद ओलंपिक में भारत के पास पदकों की संख्या चार हो गई थी. देर रात नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में रजत पदक देश के नाम जीता. अब भारत के पास ओलंपिक में कुल पांच पदक हो गए हैं.
कांस्य पदक मैच के बाद हॉकी टीम ने अपने सीनियर प्लेयर और दिग्गज गोलकीपर श्रीजेश को पदक से विदाई दी. दरअसल श्रीजेश ने पहले ही संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी. भारत के शानदार खेल की वजह श्रीजेश को सम्मान देते हुए विदा किया गया. मैच के बाद ग्राउंड में श्रीजेश को गोल पोस्ट पर चढ़ाकर पुरुष हॉकी टीम ने जश्न मनाया .
गुरुवार को भारत और स्पेन के बीच पहले क्वार्टर फाइनल में कांटे की टक्कर रही. जहां दोनों टीम एक-दूसरे पर हमलावर रहीं. पहले क्वार्टर मे एक भी गोल नहीं हो सका. पहला क्वार्टर 0-0 कीबराबरी पर खत्म हुआ. दूसरे हाफ में स्पेन ने मैच का पहला गोल किया.
दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक स्पेन ने जीता. दूसरे हाफ में कई बार भारत को पेनाल्टी कार्नर मिला, लेकिन सफलता हासिल नहीं मिली. आखिरी चंद मिनटो में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला और हरमनप्रीत ने गोल कर स्कोर बराबर किया. आखरी 1 मिनट का मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा, जहां स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जो श्रीजेश ने बचा लिया. यहां से फिर स्पेन के सभी प्रयास फेल होने लगे, जिसके बाद भारत ने कांस्य पदक हासिल किया.