बिहार की राजधानी पटना में आज देश के सबसे बड़े बापू टावर का उद्घाटन हो रहा है. 129.3 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ यह बापू टावर 7 एकड़ में फैला है. जिसमें 10503 वर्ग मीटर में दो भवन बने हैं. इनमें एक वृताकार छह मंजिला और दूसरा पांच मंजिला गोलाकार भवन है. दोनों भागों को जोड़ने के लिए रैंप भी बनाया गया है. इस भवन के बाहरी भाग पर 35 टन तांबे की परत लगाई गई है. बापू टावर के अंदर 60 लोगों की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम भी है. हर तल्ले पर पुरुष, महिला और दिव्यांग के लिए शौचालय भी बनाए गए हैं.
6 सालों में बनकर तैयार हुआ बापू टावर सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस टावर में गांधी जी के जीवन से जुड़े कई तथ्य मौजूद है. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह अप्रैल 2017 से अप्रैल 2018 तक आयोजित किया गया. इसी दौरान राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम के आयोजन में सीएम ने बापू के विचारों को जन- जन तक पहुंचाने के लिए संग्रहालय के रूप में बापू टावर निर्माण की घोषणा की थी. इसके बाद पटना के गर्दनीबाग में 2 अक्टूबर 2018 को सीएम ने इसकी आधारशिला रखी थी.
टावर भवन में तीन प्रदर्शन गैलरी प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्शनी दीर्घा, कार्यालय कक्ष, प्रतीक्षालय, म्यूजियम शॉप, जलपान गृह मौजूद है. यहां पांच रैंप भी बनाए गए हैं जिसपर बापू के जीवन से संबंधित जानकारी को दर्शाया गया है. टावर में प्रवेश के लिए तीन द्वार है. यहां 135 दोपहिया, 87 चार पहिया और 6 बसों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा बनाई गई है.
आज शाम 4:00 बजे सीएम नीतीश कुमार बापू टावर का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहेंगे. इनके अलावा मंत्री अशोक चौधरी, विजय चौधरी, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज भी मौजूद रहेंगे.
बता दें कि मंगलवार को कैबिनेट बैठक में भवन निर्माण विभाग के नियंत्रणाधीन बापू टावर समिति के गठन पर फैसला किया गया. यह समिति विकास आयुक्त की अध्यक्षता में काम करेगी, जिसमें सदस्य के रूप में भवन निर्माण, वित्त, ऊर्जा, नगर विकास और आवास विभाग, कला संस्कृति समेत अन्य विभागों के सचिव प्रधान सचिव रहेंगे. निदेशक के तौर पर बापू टावर के सदस्य सचिव रहेंगे.