बिहार में दो बार शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया, इन दोनों भर्ती परीक्षा में लाखों लाख शिक्षकों को राज्य के अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग दी गई थी. इन दोनों शिक्षक भर्ती परीक्षाओं का बहिष्कार भी राज्य में खूब हुआ था. शिक्षक भर्ती परीक्षा और प्रक्रिया के दौरान राज्य में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला था. एक बार फिर से राज्य में शिक्षकों की हड़ताल शुरू हो गई है.
बिहार में समावेशी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की है. राजधानी पटना में अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों ने विधानसभा घेराव करने के लिए कुच किया, जहां रास्ते में पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया.
बिहार राज्य समावेशी शिक्षक संघ के आवाहन पर सामान्य विद्यालयों में सामंजन की मांग को लेकर राज्य के समावेशी शिक्षक बीते कई दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पहले दिन शिक्षकों ने पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना दिया था. इसके बाद बुधवार से सभी जिलों और प्रखंड मुख्यालयों के बीआरसी के कार्यालय के सामने धरना दे रहे थे. जिसके बाद आज अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों ने विधानसभाओं का घेराव करने की ठानी. विधानसभा के रास्ते में पुलिस ने शिक्षकों को रोक दिया और धरना दे रहे के शिक्षकों को अपने साथ हिरासत में लेकर गई. इस दौरान पुलिस और शिक्षकों को बीच में काफी देर तक बहस और धक्का-मुक्की होती रही.
हड़ताल पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि राज्य के सभी विशेष शिक्षक सरकारी नीतियों के खिलाफ व सामान्य विद्यालयों में सामंजन की मांग को लेकर हड़ताल पर है. शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में नियमित नियुक्ति के लिए राज्य सरकार से आग्रह भी किया है, लेकिन उनकी मांगे नहीं सुनी जा रही है. शिक्षकों ने बताया कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह आमरण अनशन करने को मजबूर हो जाएंगे.
यह हड़ताल अनिश्चितकाल तक के लिए शिक्षकों की तरफ से बुलाई गई है. शिक्षकों की हड़ताल पर चले जाने से जिले के सभी दिव्यांग कोटि के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.