पटना के गांधी मैदान में 12 दिसंबर से सरस मेला शुरू हो गया. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है. मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को किया. मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार की ग्रामीण महिलाएं अब आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही है, जिसका जीता जागता उदाहरण पटना के गांधी मैदान के सरस मेले में देखा जा रहा है.
गांधी मैदान में गेट नंबर 4 से लोग नि:शुल्क सरस मेले में एंट्री कर सकते हैं. यह मेला 26 दिसंबर तक सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक चलेगा. सरस मेला में हस्तशिल्प और हुनर को प्रोत्साहन, सम्मान और बाजार मिलता है.
इस बार सरस मेले में बिहार के अलावा अन्य 25 राज्यों से उद्यमी हिस्सा लेने आए हैं. हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश असम उड़ीसा पुडुचेरी गुजरात छत्तीसगढ़ और जम्मू कश्मीर से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमी और स्वरोजगार से जुड़ी महिलाएं यहां आई हैं. यह महिलाएं अपने-अपने प्रदेश के शिल्प, लोक कला, परिधान, सजावट के समान और देसी व्यंजनों को सरस मेले में लेकर पहुंची है. मेले में 500 से अधिक हस्तशिल्प और देसी व्यंजनों के स्टाॅल लगाए गए हैं.
सरस मेला के उद्घाटन में पहुंची मेयर सीता साहू ने कहा कि सरस मेला आयोजन महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है. इस आयोजन से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिलता है.
सरस मेला परिसर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है, जिसमें हर एक गतिविधि पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है. यहां इमरजेंसी, फायर ब्रिगेड, मोबाइल एटीएम, पानी की व्यवस्था, फ्री पार्किंग और स्वास्थ्य सेवा भी बनाया गया है.