बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ना तो कोई रणनीति काम आई, ना फार्मूला चला, जिस कारण वह अपनी पहली परीक्षा में फेल हो गए. बिहार विधानसभा उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी से एक भी विधायक ने जीत हासिल नहीं की. चार सीटों में से तीन सीटों पर पीके की पार्टी के प्रत्याशियों का जमानत भी जब्त हो गया.
2 अक्टूबर को पीके ने पटना में जन सुराज पार्टी की हुंकार भरी थी. उन्होंने 2025 के विधानसभा चुनाव को साधने के लिए इसका गठन किया. 2024 के विधानसभा उपचुनाव सेमीफाइनल में पीके ने अपने उम्मीदवार उतारे. मगर यह सफर उनके लिए आसान साबित नहीं हुआ. हालांकि उनके इस सियासी पारी से तेजस्वी यादव को भारी नुकसान पहुंचा है.
राजद इस उपचुनाव में दो सीटिंग सीटें हार गई है. इमामगंज में राजद उम्मीदवार को करीब 6 हजार वोटों से हार मिली है. जहां पीके के उम्मीदवार को भारी वोट मिले. इमामगंज से जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया, जो जमानत बचाने में कामयाब रहें. उन्हें यहां 35000 वोट मिले हैं. इसी तरह बेलागंज में राजद के विश्वनाथ सिंह 21000 वोटों से हार गए. बेलागंज में पीके ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारा और जिन्हें 18 हजार वोट मिले.
हालांकि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर चुनाव के हर दांव-पेंच समझते हैं, मगर जनता ने उनकी समझ से परे रिजल्ट दिए. इस हार के बाद पीके की नजर अब भी 2025 के विधानसभा चुनाव पर है. वह 2025 में सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाह रहे हैं. मगर आज के चुनावी नतीजे से उनके आगे की राजनीतिक सफर पर असर देखने मिल सकता है. फिलहाल इस चुनाव में तो पीके के उम्मीदवार वोट कटवा ही साबित हुए हैं.