बिहार में स्कूल की छुट्टियों का कैलेंडर जारी हो या यूनिवर्सिटी की छुट्टियों का कैलेंडर वह विवादों में घिर ही जाता है. राज्य में पहले स्कूल की छुट्टियां का कैलेंडर जारी हुआ, तो उसमें हिंदुओं के त्योहारों पर छुट्टियों को घटा दिया गया और मुसलमानों पर्व की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया, जिस पर शिक्षा विभाग को भारी विरोध झेलना पड़ा था.
इसके साथ ही दुर्गा पूजा के दौरान भी शिक्षकों की छुट्टियों को बिहार सरकार ने रद्द कर दिया था. जिसके बाद एक बार फिर से नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. इन सभी छुट्टियां पर विवाद के बाद शिक्षा विभाग ने अब एक रिवाज बना लिया है कि वह छुट्टियों का कैलेंडर पहले लागू करेगा और विरोध होने पर वापस लेगा. ऐसा लगता है मानो की विभाग ने इसे एक परंपरा की तरह अपना लिया हो.
24 घंटे के अंदर नया कैलेंडर हुआ संशोधित
ऐसा ही कैलेंडर विवाद एक बार फिर से देखने को मिला है. बिहार विश्वविद्यालय की ओर से 2024 की छुट्टीयों का कैलेंडर जारी किया गया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही इसे वापस ले लिया गया. राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी कैलेंडर में पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्णा सिंह, पहले उपमुख्यमंत्री अनुग्रह नारायण, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जयंती पर मिलने वाली छुट्टियां को हटा दिया गया था. इन छुट्टियों को 24 घंटे के अंदर ही संशोधित कर वापस नया कैलेंडर जारी किया गया है.
नए कैलेंडर में इन चारों महापुरुषों के साथ-साथ गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर भी छुट्टी को बहाल किया गया है. साल 2024 में इन सभी के जयंती के मौके पर अब विश्वविद्यालय और कॉलेज में छुट्टी रहेगी. राज्यपाल सचिवालय की ओर से जब नए कैलेंडर को जारी किया गया था, तो उसके बाद विवाद काफ़ी बढ़ गया था. नए और संसोधित कैलेंडर में साल 2023 के मुकाबले 2024 में ज्यादा छुट्टियां हैं. 2024 में पहले 89 छुट्टियां थी जो अब संशोधित कैलेंडर आने के बाद 93 हो गई हैं. 2023 में विश्वविद्यालयों में 92 छुट्टियां थी.
गौरतलब है कि राज्य में पहले से ही छुट्टियों पर राज्य में काफ़ी विवाद हो चुका है. मगर फिर भी शिक्षा विभाग इस तरह के विवादों से बचता हुआ नहीं दिख रहा है. शिक्षण संस्थानों पर इस तरह से छुट्टियां पर अपर मुख्य सचिव के पाठक, नीतीश-तेजस्वी की सरकार और अब राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने भी लोगों का विरोध झेला है.