हमारा देश हर चीज में आगे बढ़ रहा है, शिक्षा, सुरक्षा से लेकर अंतरिक्ष तक भारत ने अपने झंडे गाड़े हैं. बीते साल ही भारत ने चंद्रयान-3 मिशन के तहत सफलता पाकर दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया था. अब एक और अंतरिक्ष मिशन भारत इस साल कर सकता है. इस मिशन के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की है.
गगनयान के 4 अंतरिक्ष यात्री
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो के विक्रमभाई साराभाई स्पेस सेंटर(VSSC) पहुंचे थे. पीएम ने यहां गगनयान के लिए चुने के चार टेस्ट पायलटो के नाम की घोषणा की है. गगनयान मिशन के तहत पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्ण नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णा, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को चुना गया है.
यह सभी अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायु सेवा में अफसर है. इन सभी टेस्ट पायलटों को हर परिस्तिथि में काम करने का व्यापक अनुभव है. जिसका मतलब है कि सभी किसी भी मुश्किल स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया लेने के लिए ट्रेंड है. कोरोना महामारी के दौरान चारों पायलटों ने रूस में 1 साल का ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया था. फिलहाल यह सभी एक यूनिट में काम कर रहे हैं और गगनयान मिशन को नजदीकी से समझ रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने इस घोषणा के साथ-साथ 1800 करोड़ रुपए की तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी आज उद्घाटन किया है. पीएम ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी इंटीग्रेशन सुविधा, महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कंपलेक्स में सेमी क्रायोजेनिकस इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट फैसिलिटी और केरल के वीएसएससी में ट्राईसोनिक विंड टनल का उद्घाटन किया है.
पीएमओ की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री के अमेरिका यात्रा के दौरान इसरो और नासा के बीच में सहमति बनी थी, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मिशन के लिए चारों में से एक पायलट को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा. इस मिशन की योजना भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन से पहले बनाई जाएगी.
40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में
मालूम हो कि गगनयान मिशन के लिए सैकड़ों पायलटो का टेस्ट हुआ था जिसमें से 12 पायलट को चुना गया. इसके बाद इंस्टीट्यूट ऑफ़ एयरोस्पेस मेडिसिन ने कई राउंड के सिलेक्शन प्रोसेस को पूरा कर चार पायलट के नाम को फाइनल किया. यह चारों गगनयान मिशन पर उड़ान नहीं भरेंगे बल्कि इनमें से दो या तीन टेस्ट पायलट का गगनयान मिशन के लिए चुने जाएंगे.
पीएम ने केरल में सभी चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों को एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए. पीएम ने यहां कहा कि ये सिर्फ 4 नाम या 4 इन्सान नहीं है, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली है. 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, इस बार वक्त हमारा है, काउंट-डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है.
गगनयान मिशन के तहत इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जायेगा. इस मिशन पर अनुमानित खर्च 10 हजार करोड़ रुपए है. 15 अगस्त 2018 को पीएम मोदी ने इस मिशन की घोषणा की थी.
अमेरिका, चीन, सोवियत यूनियन ने अंतरिक्ष में इंसानों को भेजा है, अब भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है.