बिहार में मौजूद नालंदा विश्वविद्यालय किस पहचान का मोहताज नहीं है. विश्वभर में नालंदा विश्वविद्यालय की पहचान सदियों से बनी हुई है. हालांकि वर्षों से नालंदा विश्वविद्यालय की पूर्ण स्थापना का सपना पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलम से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक ने देखा है, जो अब पूरा होने जा रहा है. बिहार सीएम ने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की सलाह पर नालंदा विश्वविद्यालय को पूर्ण जीवित करने की घोषणा की थी, जो अब पूरा हो चुका है.
नए विश्वविद्यालय की नींव विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2014 में रखी थी. 10 साल बाद विश्वविद्यालय उद्घाटन करने को तैयार है. और इसी के साथ दोबारा से नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया में इतिहास रचने के लिए तैयार है.
नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन
नव निर्मित नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 19 जून को बिहार आ रहे हैं. पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार 19 जून को नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगे. पीएम के आगमन को लेकर नालंदा खंडहर तक बैराकेडिंग की गई है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने नया ट्रैफिक रूट चार्ट भी जारी किया गया है. रविवार को एसपीजी ने नालंदा विश्वविद्यालय और नालंदा खंडहर दोनों स्थलों पर सुरक्षा की कमान संभाल ली थी.
नए नालंदा विश्वविद्यालय को 455 एकड़ में बनाया गया है, जहां 221 संरचनाएं तैयार की गई है. विश्वविद्यालय में 100 एकड़ में कुल चार तालाब, डेढ़ सौ एकड़ में पेड़ पौधे लगाए गए हैं. मौजूदा समय में नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ाई भी होती है, जहां कुल 17 देश के स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया हुआ है. यहां मास्टर्स और पीएचडी के कुल 7 विषयों की पढ़ाई चलती है. साथ ही डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 10 विषयों की पढ़ाई हो रही है.
बुधवार को पीएम मोदी नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का उद्घाटन करने के बाद राजगीर में जनसभा को संबोधित भी करेंगे. पीएम के इस दौरे पर सब की निगाहें टिकी हुई है. दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद पीएम का यह पहला बिहार दौरा है, जिसमें माना जा रहा है कि बिहार को एक बड़ी सौगात पीएम की ओर से मिल सकती है.