प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को तीन दिनों में दूसरी बार बिहार पहुंचे हैं. पीएम ने जमुई के खैरा प्रखंड के बल्लोपुर गांव से देशभर के आदिवासियों के लिए 6640 करोड़ के परियोजनाओं की सौगात दी है. रिमोट से बटन दबाकर आदिवासी समाज के कल्याण और उत्थान के लिए हजारों योजनाओं का पीएम ने शिलान्यास और उद्घाटन किया. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर पीएम ने जनसभा को भी संबोधित किया. अपने संबोधन उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पार्टी और पूर्ववर्ती सरकार के ऊपर आदिवासी समाज की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.
पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत में भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए और जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देते हुए की. पीएम ने कहा, आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती है, राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस है. मैं सभी देशवासियों को और खासतौर पर अपने आदिवासी भाई-बहनों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देता हूं.
पीएम ने अपने संबोधन में तिलका मांझी को याद किया और देशभर के सैकड़ो जनजातीय जिलों के लिए योजनाओं की शुरुआत. उन्होंने कहा, पिछले वर्ष आज के दिन मैं धरती आबा बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में था. आज उस धरती पर आया हूं, जिसने शहीद तिलका मांझी का शौर्य देखा है. लेकिन इस बार का ये आयोजन और भी खास है. आज से पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव शुरू हो रहा है. ये कार्यक्रम अगले एक साल तक चलेंगे. आज देश के सैंकड़ों जिलों के करीब 1 करोड़ लोग टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमारे इस कार्यक्रम से जुड़े हैं.
धरती आबा बिरसा मुंडा के इस भव्य स्मरण के बीच आज 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है. इनमें मेरे आदिवासी भाई-बहनों के लिए करीब 1.5 लाख पक्के घरों के स्वीकृति पत्र हैं. आदिवासी बच्चों का भविष्य संवारने वाले स्कूल हैं, हॉस्टल हैं. आदिवासी महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, आदिवासी क्षेत्रों को जोड़ने वाली सैंकड़ों किमी की सड़कें शामिल हैं.
अपने संबोधन में पीएम ने बिना नाम लिए कांग्रेस पार्टी का भी जिक्र किया और आजादी का पूरा श्रेय लेने का आरोप लगाया. पीएम ने कहा, आदिवासी समाज वो है, जिसने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया. आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गईं. इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी. राजनीति ये थी कि भारत की आजादी के लिए सिर्फ एक ही दल को श्रेय दिया जाए. लेकिन अगर एक ही दल, एक ही परिवार ने आजादी दिलाई है, तो भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था, संथाल क्रांति क्या थी, कोल क्रांति क्या थी?
एनडीए सरकार के काम की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा, संस्कृति हो या फिर सामाजिक न्याय, आज की NDA सरकार का मानक कुछ अलग ही है. मैं इसे भाजपा ही नहीं बल्कि NDA का सौभाग्य मानता हूं कि हमें द्रौपदी मुर्मू जी को देश का राष्ट्रपति बनाने का अवसर मिला. वो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं. आज जिस पीएम जनमन योजना के तहत अनेक काम शुरू हुए हैं, उसका श्रेय भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को ही जाता है. अति पिछड़ी आदिवासी जनजातियों की पहले की सरकारों ने कोई परवाह ही नहीं की थी. इनके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए ही 24 हजार करोड़ रुपये की पीएम जनमन योजना शुरू की गई. इस योजना से देश की सबसे पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों के विकास सुनिश्चित हो रहा है.