लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तीसरे चरण का प्रचार शुरू हो गया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष लगातार रैलियां कर जनता का समर्थन जुटाने में लगे हैं. वहीं इस दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार चला रहा है. सोमवार 29 अप्रैल को पुणे में हुई रैली के दौरान पीएम मोदी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के लिए भटकती आत्मा जैसे शब्दों का प्रयोग किया. वहीं आज 30 अप्रैल को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान भी शरद पवार पर जमकर हमला बोला.
पीएम मोदी (PM Modi) ने आज महाराष्ट्र (Maharashtra) में रैली के दौरान कहा, "15 साल पहले एक प्रमुख नेता चुनाव लड़ने माढ़ा आए थे. उस समय के लोग कहते हैं कि इस महान नेता ने डूबते सूर्य की उपस्थिति में माढ़ा लोकसभा के सूखाग्रस्त क्षेत्र को पानी देने की शपथ ली थी. लेकिन उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया. तो क्या आप ऐसे लोगों को सजा नहीं देंगे?" पीएम मोदी ने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि अब उन्हें सजा देने का समय आ गया है.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में शरद पवार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, "देश में कांग्रेस सरकार के दौरान प्रमुख नेता देश के कृषि मंत्री थे. उस समय गन्ने का एफआरपी रेट 200 रुपये था. हालांकि, आज मोदी सरकार में गन्ने का FRP 340 रुपये प्रति क्विंटल है. जब ये महान नेता कृषि मंत्री थे, तो गन्ना किसान बकाया बिलों का भुगतान पाने के लिए चीनी आयोग के कार्यालय में भीड़ लगाते थे."
किसानों पर निशाना साधते हुए कहा, "आज देश में गन्ने के बकाया का 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान किया जाता है. 2014 में गन्ना एफआरपी के बकाये के लिए 57 हजार करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई थी. इस साल यही रकम 1 लाख 14 करोड़ है. जिसमें से 32 हजार करोड़ रुपये महाराष्ट्र के गन्ना किसानों को मिल चुके हैं." पीएम मोदी ने कहा हमने चीनी मीलों को 10 हजार करोड़ की राहत देकर इनपुट टैक्स माफ़ किया है.
शरद पवार ने दिया जवाब
वहीं पीएम मोदी के आरोप का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा “मोदी आजकल मुझपर काफी गुस्सा है. एक वक्त था जब वो मेरी उंगली पकड़कर राजनीति में आया था. अब वह कह रहे हैं कि मैं भटकती आत्मा हूं. हां मैं हूं किसानों के लिए, खुद के स्वार्थ के लिए नहीं. मेरे किसानों का दर्द बताने के लिए भटकता हूं. महंगाई से आम आदमी परेशान है उसका परेशानी बताने के लिए भटकता हूं.”