झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को आरोप मुक्त करने वाली याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है. मंगलवार को रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने टेंडर कमीशन घोटाला मामले के आरोपी आलम की याचिका को खारिज किया गया. कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आलमगीर आलम ने खुद को निर्दोष बताते हुए 25 नंवबर को कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में मंगलवार को डिस्चार्ज पिटीशन खारिज करने का फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान आलमगीर आलम की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं, वह पूरी तरह से निराधार है. जबकि ईडी की ओर से पक्ष रखते हुए विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने कहा कि मामले में अभियोजन शिकायत दाखिल है. जिसमें ठोस सबूत हैं.
मालूम हो कि ईडी को 6 मई को छापेमारीके दौरान आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम के ठिकानों से 32.30 करोड़ रुपए कैश मिले थे. इसके बाद आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. उन पर टेंडर आवंटन में कमीशन लेने का आरोप है.