दरभंगा में तालाब हाइस्ट, रातों-रात तालाब भरकर बनाई झोपड़ी

दरभंगा के सदर प्रखंड के अंतर्गत सारा मोहनपुर गांव में एक पोखर को रातों-रात मिट्टी से भरकर उस पर माफियाओं ने झोपड़ी डालकर घर बना लिया है. इस तालाब पर 2008 में हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया था.

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तालाब हुआ चोरी

तालाब हुआ चोरी

बिहार में आजकल कुछ भी चोरी हो जा रहा है. कभी रेल का इंजन, तो कभी पुल,  तो कभी मोबाइल टावर की चोरी हो जा रही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि किसी तालाब की भी चोरी हो जाएगी. नहीं ना, लेकिन ऐसा भी बिहार में हो गया है.

बिहार के भू माफियाओं ने अपने आतंक को फैलाते हुए हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया और दरभंगा के एक तालाब को रातों-रात गायब कर दिया.

कोर्ट के स्टे को किया नजरंदाज़

दरभंगा के सदर प्रखंड के अंतर्गत सारा मोहनपुर गांव में एक पोखर को रातों-रात मिट्टी से भरकर उस पर माफियाओं ने झोपड़ी डालकर घर बना लिया है. इस तालाब पर 2008 में हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया था, बावजूद इसके भूमाफियाओं ने बेखौफ तरीके से इस घटना को अंजाम दिया है. घटना से प्रदेश में पुलिस और कोर्ट दोनों को ही भू-मफियाओं ने नजरंदाज़ किया है. 

दर्जनों ट्रैक्टरों से भू माफियाओं ने पोखर में मिटटी भराई की, जिसके बाद लगभग 12 बीघा के क्षेत्र में फैले तालाब का नामो-निशान नहीं बचा. जब यह सब हो रहा था तब उन्हें रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं था. पुलिस भी इस मामले से बिल्कुल अनजान नजर आई.  भू माफिया बीते 15 दिनों से रात के समय पहले तालाब से  पानी को निकाल रहे थे, और उसमें मिट्टी भर दी. उसके बाद जमीन पर झोपड़ियां भी डाल दी. 

तालाब में होता था मछलीपालन

आसपास के जो लोग तालाब में मछली पालन करते थे और तालाब के पानी से पेड़- पौधे, फल- सब्जी को सींचते थे उन्होंने भी भू माफियाओं के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है. कुछ लोगों ने बताया कि काफी दिनों तक तालाब के पानी को भू माफियाओं ने सुखाया और फिर बचे हुए पानी को उन्होंने निकाल कर मिट्टी भर दी और उसके बाद उस पर झोपड़ियां बना दी. 

तालाबों की संख्या मात्र 84

पूरे देश में यह बात मशहूर है कि मिथिलांचल में मछली पालन, मखाने से जुड़ा व्यापार कितना ज्यादा होता है. क्षेत्र में जगह-जगह पर सैकड़ो साल पुराने तालाब अब भी मौजूद हैं. लेकिन धीरे-धीरे इन तालाबों पर भू-माफियाओं का कब्जा हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दरभंगा में 1964 के दौरान 300 से ज्यादा तालाब हुआ करते थे. इसके बाद 1989 में 213 तालाब ही सर्वे में पाए गए थे. 2021 तक  नगर निगम की सूची में सिर्फ 119 तालाब बचे थे. और साल 2023 में तालाबों की संख्या मात्र 84 रह गई है. कोरोना काल के दौरान अकेले 25 तालाब भू-माफियाओं ने गायब कर दिए थे.

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमें में हडकंप मच गया. इसके बाद पुलिस ने छानबीन करने की शुरुआत की. पुलिस को अभी जमीन मालिक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं हैं. 

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