चुनावी रणनीतिकार और नेता प्रशांत किशोर आज अपनी पार्टी जन सुराज का गठन करने वाले हैं. 2 अक्टूबर(गांधी जयंती) के मौके पर उन्होंने पार्टी लांचिंग की घोषणा की थी. पटना के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में बुधवार दोपहर 2:00 बजे पीके का कार्यक्रम आयोजित है. बिहार के गांवों में दो साल तक पदयात्रा के बाद पीके ने ऐलान किया कि वह बिहार की जनता की मांग पर दल बनाने जा रहे हैं. हालांकि पार्टी लॉन्चिंग के बाद भी पीके की यह पदयात्रा जारी रहेगी.
आज के कार्यक्रम में पीके अपने पार्टी का चुनाव चिन्ह, आधिकारिक नाम और अध्यक्ष की घोषणा कर सकते हैं. हालांकि उनके दल का नाम जन सुराज होने की अधिक संभावना है.
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है ऐसे मैं पीके का या बड़ा फैसला सूबे की पार्टियों में टेंशन बढ़ा रहा है. अपने दल के गठन से पहले ही पीके ने चुनावी इरादों को जाहिर करते हुए बड़ी घोषणा भी की. उन्होंने बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में दावेदारी का फैसला किया है. उनके इस ऐलान में भाजपा जदयू, कांग्रेस और वाम दलों को अपनी ताकत का एहसास दिलाने का दावा शामिल है. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के सभी 243 सीटों पर पीके उम्मीदवार खड़ा करेंगे. इसमें वह किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. जाति राजनीति को तोड़ते हुए पीके ने पलायन, गरीबी, रोजगार, विकास, पंचायत पर अधिक फोकस किया है. इसके अलावा शराबबंदी और शिक्षा के लिए पीके अधिक मुखर दिखते हैं.
पीके के दल में नेताओं के साथ ही पूर्व अधिकारियों तक का जुड़ना जारी है. समाज के हर वर्ग के लोग जन सुराज के साथ जुड़ रहे हैं, जिसमें कद्दावर चेहरों की बात करें तो केंद्रीय मंत्री डीपी यादव, भाजपा के पूर्व सांसद छेदी पासवान, पूर्व सांसद पूर्णमासी राम इत्यादि नेता शामिल हैं. इनके अलावा पार्टी में करीब 100 से अधिक पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल हो गए हैं.
पीके की इस पार्टी को बिहार के जनता के बीच कितना अपनापन मिलेगा यह अगले साल के विधानसभा चुनाव में मालूम चलेगा.