बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव(एसीएस) के खिलाफ हमेशा ही सवाल उठाते हैं. केके पाठक के काम करने के तरीके, उनके रवैये से शिक्षा विभाग समेत राज्यपाल तक अनबन देखी जाती है. केके पाठक के काम करने के तरीके से शिक्षक तो नाराज होते ही हैं, अब विद्यार्थी भी एसीएस से नाराज नजर आ रहे हैं.
सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) के छात्रों ने केके पाठक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों ने पटना में अपर मुख्य सचिव के सरकारी आवास को घेर कर नारेबाजी की. एबीवीपी के छात्रों ने केके पाठक गो बैक के नारे लगाए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आवास से हटाने की कवायद शुरू की.
शिक्षकों में केके पाठक के खिलाफ नाराजगी
अपर मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद से ही केके पाठक के फैसले सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी दीपावली तो कभी होली की छुट्टी को रद्द करने पर शिक्षकों के बीच केके पाठक के खिलाफ नाराजगी देखी गई है. कई बार राज्य सरकार को भी अपने अधिकारी के आदेशों को वापस लेना पड़ा है.
एबीवीपी ने केके पाठक के इस्तीफें को लेकर मांग रखी. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिहार के एजुकेशन सिस्टम में फिलहाल तानाशाही रवैया चल रहा है. इन सबसे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केके पाठक शिक्षकों और छात्रों सभी के साथ तानाशाही रवैया अपनाते हैं. कभी शिक्षकों की छुट्टी रोक देते हैं, तो कभी छात्रों की भी छुट्टी रोक देते हैं, वही कभी विश्वविद्यालय के कर्मियों का वेतन तक केके पाठक ने रोक दिया है. यह सब जल्द से जल्द खत्म होना चाहिए, इसके लिए वह जल्दी वह अपना इस्तीफा सौंपे. बिहार के शिक्षा विभाग को नए अपर मुख्य सचिव की जरुरत है.
इधर राज्यपाल के साथ चल रहे तनातनी पर भी एबीवीपी नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुल अधिपति राज्यपाल होते हैं. इसके नाते केवल वही दिशा निर्देश देने का अधिकार रखते हैं. राज्यपाल के आदेश की अवहेलना करना दर्शाता है कि अफसर बेलागाम हो चुके हैं.
एबीवीपी छात्रों के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच में धक्का- मुक्की भी हुई. जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.