सांसदों के निलंबन पर पटना समेत देशभर में विरोध मार्च, पार्टियों ने निकाली रैली

आज इंडी गठबंधन के सहयोगी दल राजद, जदयू और लेफ्ट पार्टी के नेताओं ने कदम से कदम मिलाकर सड़कों पर खूब बवाल काटा. पार्टियों ने आयकर गोलंबर से लेकर डाक बंगला चौराहा पर हिंदू भवन होते हुए विरोध मार्च निकाला. 

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पटना में इंडी का विरोध मार्च

पटना में इंडी का विरोध मार्च

संसद के शीतकालीन सत्र में 143 सांसदों के निलंबन पर देशभर में बवाल मचा हुआ है. विदेश में भी सांसदों के निलंबन पर चर्चा चल रही है. मीडिया में लगातार  सांसदों के निलंबन की खबरें सुर्खियां बटोर रही है. शीतकालीन सत्र के दौरान इतने सांसदों का निलंबन पहली बार देश में देखा गया है. जिसके खिलाफ शुक्रवार को पूरे देश में इंडिया गठबंधन की तरफ से जोरदार प्रदर्शन हुआ. इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने अलग-अलग राज्यों में अपने गठबंधन की पार्टी का साथ देते हुए सड़कों पर मार्च निकाला. 

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बिहार की राजधानी पटना में भी इंडी गठबंधन के सहयोगी दल राजद, जदयू और लेफ्ट पार्टी के नेताओं ने कदम से कदम मिलाकर सड़कों पर खूब बवाल काटा. गठबंधन के नेताओं ने पटना के आयकर गोलंबर से लेकर डाक बंगला चौराहा पर हिंदू भवन होते हुए विरोध मार्च निकाला. 

गठबंधन के मार्च में फूट

पटना में हुए इस मार्च में गठबंधन के नेताओं के बीच में कमी भी देखने को मिली. जहां एक तरफ़ जदयू, राजद और लेफ्ट के नेताओं ने अपना मार्च राजधानी में निकला तो उनसे अलग कांग्रेस ने भी अपना एक अलग मार्च निकाला. कांग्रेस नेताओं का यह मार्च हिंदी भवन जाने की योजना में था. वहीं जब सभी दलों का मार्च खत्म हो गया तब कांग्रेस ने अपने मार्च की शुरुआत की. 

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बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी मार्च में शामिल हुए जहां उन्होंने कहा कि जिस तरह सांसदों का निलंबन किया गया है यह लोकतंत्र के खिलाफ है. किसी की मिमिक्री करना गैरकानूनी काम नहीं है. संसद के बाहर मिमिक्री की जा सकती है. मार्च में विपक्ष के नेताओं ने खुलकर भाजपा का भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया. 

दिल्ली में भी प्रदर्शन

बिहार के साथ ही आज यह मार्च देश की राजधानी दिल्ली में भी निकला. सांसदों ने संसद भवन से लेकर विजय चौक तक सांसदों के निलंबन में विरोध मार्च निकाला. इसके बाद इंडी गठबंधन के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर भी काफी देर तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इस प्रदर्शन में मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी नेता शरद पवार, लेफ्ट नेता सीताराम, राजद सांसद मनोज झा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केशु वेणुगोपाल सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे.

मोदी जी को घमंड 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने भी मंच से सांसदों के निष्कासन पर सवाल उठाएं. मल्लिकार्जुन ने कहा कि जिन्होंने मुंह नहीं खोला है उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. मोदी जी को इतना घमंड आ गया है कि चुनाव से पहले ही कह रहे हैं कि 400 सीट जीतेंगे. यह दवा किस बात पर किया जा रहा है? कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना में गली-गली घूमने के बावजूद भी वह हार गए हैं. जिन लोगों की वजह से वह सत्ता में आए हैं वहीं उनको बाहर निकलना भी जानती है. संविधान में सबको बोलने का हक दिया गया है.

देश के युवा मोबाइल इस्तेमाल करते है

मंच से राहुल गांधी ने संबोधित करते हुए कहा कि देशभर में आज भयंकर बेरोजगारी है. युवाओं को आज रोजगार नहीं मिल पा रहा है. मैंने किसी से कहा कि एक काम करो एक छोटा सा सर्वे करो. किसी भी शहर में चले जाओ और वहां पता करो कि हिंदुस्तान के जो युवा है वह मोबाइल पर कितना समय बताते हैं. यह भी एक छोटे शहर में पता कराया और सर्वे का रिजल्ट चौंकाने वाला था. देश का युवा एक दिन में 7:30 घंटे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, मेल इन सब का इस्तेमाल करता है. यानी मोदी सरकार में हिंदुस्तान का युवा 7:30 घंटे तक फोन चलाता है क्योंकि मोदी जी ने उन्हें रोजगार नहीं दिया है.

मालूम हो की 14 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था. जिस दौरान दोनों सदनों से 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. 19 दिसंबर को विपक्षी दलों ने संसद में सस्पेंशन का मुद्दा भी उठाया था. इसके बाद 22 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया गया था.

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