बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने मिथिलांचल को अलग राज्य बनाने की मांग रखी है. बुधवार को विधान परिषद में मैथिली भाषीयों के लिए उन्होंने अलग मिथिला राज्य बनाने की बात कही. बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भाजपा एमएलसी हरि सहनी ने सदन में मिथिला क्षेत्र को केंद्र के मोदी सरकार से मिली बड़ी सौगात पर बधाई थी. उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था. यह मिथिला और मैथिली भाषाओं के लिए बहुत बड़ा सम्मान है. अब पीएम मोदी ने भी मिथिला को बड़ी सौगात दी है. मैथिली में संविधान आया है, जिसके लोगो में मछली को भी जगह दी गई है. जो मिथिला के लिए बड़े सम्मान की बात है.
नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने इस पर अचानक कहा कि अभी केंद्र-राज्य सरकार दोनों आपकी ही है, मैथिली भाषियों को अपना अलग राज्य चाहिए, उनकी मांग को स्वीकार किया जाए. सदन के बाहर भी पत्रकारों से बात करते हुए राबड़ी देवी ने अपनी बातों को दोहराया. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी और बिहार के नीतीश और भाजपा सरकार मैथिली भाषियों के लिए अलग राज्य बनाएं.
दरअसल बिहार में पिछले कई सालों से अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग उठ रही है. समय-समय पर यह मांग बड़े स्तर पर देखी गई है. दिसंबर 2022 में राजधानी पटना में मिथिला स्टूडेंट यूनियन की ओर से मिथिलांचल राज्य बनाने को लेकर मोर्चा निकाला गया था. मिथिलांचल के लोग मुख्यतः अपनी भाषा के आधार पर अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. बिहार के तिरहुत, दरभंगा, मुंगेर, कोसी जोन, सुपौल, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल सहित झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के साथ नेपाल के तराई क्षेत्र का भी कुछ हिस्सा मिथिलांचल अलग राज्य में शामिल करने की मांग की जा रही है.