राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 24वां दिन है. अपनी न्याय यात्रा के साथ राहुल गांधी इन दिनों झारखंड में मौजूद है.
मंगलवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत राहुल गांधी का कार्यक्रम खूंटी में तय था, साथ ही बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में भी राहुल गांधी का कार्यक्रम तय माना जा रहा था. लेकिन वायानाड सांसद इन दोनों जगहों में से कहीं भी नहीं गए. जिससे कांग्रेस के समर्थकों और कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखी जा रही है. राहुल गांधी मंगलवार को केवल खूंटी के बिरसा मुंडा पार्क में बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण करके वहां से निकल गए. यहां मौजूद कार्यकर्ताओं से भी राहुल गांधी ने मुलाकात और बातचीत नहीं की. जिससे कांग्रेसियों में काफी नाराजगी है. इसके पहले 5 फरवरी को मोटरसाइकिल एस्कॉर्ट का कार्यक्रम भी राहुल गांधी के लिए रखा गया था, जो की कैंसिल किया गया. 6 फरवरी को भी राहुल गांधी का रोड शो था, वह भी नहीं हुआ.
खूंटी टोली चौक से राहुल गांधी का रोड शो
राहुल गांधी के इन कार्यक्रमों के रद्द होने पर कांग्रेस के नेता शिवकुमार साहू ने कहा कि राहुल गांधी के कार्यक्रम ना होने से काफी नाराजगी है. ना तो उन्होंने कार्यक्रम किया और ना ही आम जनता से बातचीत की. केवल रात को खूंटी आए, खाए-पिए और सुबह नाश्ता करके चले गए. किसी से मुलाकात नहीं की.
मालूम हो कि मंगलवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत राहुल गांधी खूंटी टोली चौक से रोड शो करते हुए कचहरी मोड़ तक जाने वाले थे, जहां पर लोगों को संबोधित भी करने वाले थे. राहुल गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से काफी तैयारी की गई थी, लेकिन सब धरा का धरा रह गया. हजारों की संख्या में कांग्रेस समर्थक राहुल गांधी की राह तकते रह गए और राहुल गांधी बिरसा मुंडा को नमन कर वहां से चले गए. खूंटी के बाद राहुल गांधी आज ही सिमडेगा जिले के लिए निकल जाएंगे, जहां से वह उड़ीसा के राउरकेला में प्रवेश करेंगे.
सोमवार, दोपहर राहुल गांधी ने रांची के शहीद मैदान में जनसभा को संबोधित किया. सभा से केंद्र पर निशाना साधते हुए वायनाड सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने तिनका-तिनका जोड़कर आजादी के बाद से लेकर 2014 तक जिस पब्लिक सेक्टर को खड़ा किया था, उसे एक-एक करके बेचने की साजिश चल रही है. राहुल गांधी ने यहां पर सरना कोड का भी समर्थन करते हुए कहा कि वह अलग सरना कोड की मांग का समर्थन करते हैं और जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तब वह इसे लागू भी कर देंगे. साथ ही यहां पर राहुल गांधी ने जातीय गणना का भी समर्थन किया और कहा कि इसे जरूर करना चाहिए और इसकी मांग हम जारी रखेंगे.