बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में राजद पूरी तरह से विपक्ष को घेरने के लिए तैयार बैठी है. विधानसभा चुनाव के पहले राजद एक के बाद एक मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला कर हो रही है. रविवार को ही राजद ने जाति-गणना और आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में एकदिवसीय धरना दिया था तो वही आज पटना में राजद किसान प्रकोष्ठ का राजभवन मार्च है.
सोमवार को राजद किसान प्रकोष्ठ की ओर से 11:00 बजे दिन में राजभवन मार्च का ऐलान किया गया. 14 सूत्री मांगों को लेकर सभी जिलों से किसान पटना पहुंचने शुरू हो गए हैं. राज्य के जिलों में दो चीनी मिलों की स्थापना सहित कई मुद्दों पर किसान प्रकोष्ठ राजभवन घेरने के लिए तैयार है.
राजद नेताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसान विरोधी नीति अपना ली है. इसके विरोध में आज राजभवन का घेराव किया जाएगा. किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर गोपालकृष्ण चंदन ने कहा कि राज्यपाल को 14 सूत्री मांगों का पत्र सौंपा जाएगा. बिहार की लगभग 76% आबादी कृषि पर निर्भर करती है. केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार में खेती और किसानों से जुड़े लोग दिन-ब-दिन आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं.
राजद किसान प्रकोष्ठ की मांग है कि देश के प्रत्येक राज्य में एक सामान्य न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीति लागू हो. बिहार के सभी जिलों में औसतन कम से कम दो चीनी मिल की स्थापना कराई जाए. एमएस स्वामीनाथन कमेटी के अनुशंसा के तहत कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत खर्च में 50% मुनाफा जोड़ा जाए. बिहार में कृषि मंडी कानून लागू किया जाए. हर एक प्रखंड में एक कृषि मंडी की स्थापना हो ताकी किसानों को मार्केट की सुविधा मिले. बिहार के किसानों के लिए कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, पंपिंग सेट इत्यादि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए और इस पर लगने वाले 12% टैक्स को घटाकर शुन्य किया जाए.